दमोह कलेक्टर का आया फोन पीड़ित शिकायतकर्ता को बनी न्याय की आस।
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दमोह कलेक्टर का आया फोन पीड़ित शिकायतकर्ता को बनी न्याय की आस।
दमोह,कहा गया है जहां चाह वहां राह। जिला कलेक्टर जिले की प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ होता है। मीडिया में यदा कदा आपने पढा होगा कि किसी प्रशासनिक अधिकारी का आम जनता के बीच अपने कार्य-व्यवहार से इतना लोकप्रिय हो जाता है कि आम जनता सालों तक उसके कार्य को याद रखती है।
जिले को पिछले कुछ प्रशासनिक अधिकारी विवादित भी मिले हैं और कुछ ऐसे जो केवल आफिस तक सीमित रहकर केवल फाइलें निपटाने तक सीमित रहे। लेकिन वर्तमान में आये नये मुखिया सुधीर कुमार कोचर अपने कार्य व्यवहार से जिले में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। वे जहां जिला अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों के निर्वाहन के लिए टाइट कर रहे हैं तो वहीं आम जनता के बीच जाकर उनसे संवाद बना रहे हैं और उनकी शिकायतों पर स्वत: संज्ञान लेकर समस्या को हल करने की पहल कर रहे हैं।
ऐंसा ही एक उदाहरण विगत दिवस देखने को मिला जब जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली से पीड़ित एक अस्पताल में भर्ती रहे मरीज की शिकायत पर कलेक्टर द्वारा पीड़ित को स्वत: फोन लगाकर उससे उसकी पीडा और आप बीती पूछी गयी और उसकी समस्या समाधान की पहल की गयी।दरअसल मामला यह है कि
पीड़ित मरीज ने बताया11 मार्च 2024 को चेहरे पर समस्या को लेकर जिला अस्पताल दमोह में भर्ती हुई थी। पीड़ित मरीज का ओपीडी नंबर 20240039195 है। रात लगभग साढ़े सात बजे मुझे जो बॉटल लगाई गई वो ड्यूटी नर्स की बजाए वार्ड में साफ सफाई का काम देखने वाले स्वीपर द्वारा लगाई गई और उसी ने मुझे इंजेक्शन भी लगाया।जिसका मैंने विरोध किया तो ड्यूटी नर्स ने मुझे डांट दिया। यह बात मैंने अपने पति तनुज पाराशर को बताई । जिस पर मेरे पति ने इसकी शिकायत अस्पताल प्रशासन व डॉक्टर जैन के इस नंबर 9644288190 पर की। शिकायत से नाराज होकर मुझे बिना स्वास्थ्य लाभ मिले ही ड्यूटी डॉक्टर बहादुर सिंह द्वारा डिस्चार्ज कर दिया गया। भर्ती के समय मेरी विभिन्न पैथोलॉजी जांच करवाई गई थी लेकिन जांच रिपोर्ट आने के पूर्व ही मुझे डिस्चार्ज कर दिया गया।
जबकि मैं डॉक्टर बहादुर से कहती रही कि डॉक्टर साहब मुझे आराम नहीं है और मेरी जांच रिपोर्ट भी नहीं आई और महज 12 घंटे हुए हैं मुझे भर्ती हुए यह सभी बातें सुनने के बाद भी डॉक्टर ने मेरी जिला अस्पताल से छुट्टी कर दी जिसके बाद में घर चली गई शाम 5:00 बजे दोबारा से मेरी तबीयत बिगड़ी तो मैं फिर से जिला अस्पताल पहुंची जहां पर मुझे कैजुअल्टी में फिर से भर्ती कर मेरा इलाज किया गया जिससे यह स्पष्ट है कि जिला अस्पताल के डॉक्टर बहादुर सिंह ने द्वेष भावना से मेरी छुट्टी की और मेरे इलाज में लापरवाही की है
जिलाअस्पताल में नर्सों एवं डॉक्टर बहादुर सिंह द्वारा मरीजों से अभद्र व्यवहार किया जाता है। पीड़ित द्वारा यह शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की गई थी इसके बाद आज शिकायतकर्ता को दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर जी ने पीड़ित से पूरी जानकारी ली जिससे पीड़ित का कहना है कि दमोह कलेक्टर साहब का फोन आने से अब हमें न्याय की आस जगी है और जिला अस्पताल में जो पीड़ित मरीजो को इलाज मिलना चाहिए वह इलाज नहीं मिल पा रहा है और लोग अपनी बीमारी से पीड़ित तो है ही साथ ही अस्पताल के स्टाफ से भी पीड़ित दिखाई पड़ते हैं आप जिला अस्पताल के बाहर खड़े हो जाएं और किसी भी मरीज के परिजनों से अस्पताल के बारे में पूछेंगे तो वह जिला अस्पताल के स्टाफ की बुराइयां करता ही मिलेगा अब दमोह कलेक्टर द्वारा मरीजों की शिकायत पर संज्ञान लिए जाने से जिला अस्पताल की सभी अव्यवस्थाएं सुधारने के आसार दिखाई दे रहे हैं l
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