जनता में फैली अफवाह को खत्म करने के लिए लगाए जा रहे बैंकों में डिस्प्ले बोर्ड l जाने क्यों लगाए जा रहे हैं डिस्प्ले बोर्डl
1 min read
😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
जनता में फैली अफवाह को खत्म करने के लिए लगाए जा रहे बैंकों में डिस्प्ले बोर्ड l जाने क्यों लगाए जा रहे हैं डिस्प्ले बोर्डl
दमोह जिले में जिला प्रशासन की पहल डीएलसीसी बैठक में बैंकर्स से हुई चर्चा के तहत सभी बैंक ले रहे हैं सिक्के बैंकर्स जनहित में जारी कर रहे हैं सूचना आप को बताए की पिछ्ले 5 6,साल पहले दमोह जिले में एक के और दो के सिक्कों की भरमार हो जाने के चलते कई बैंकों द्वारा एक के और दो के सिक्के लेने से मना कर देने के बाद जिले में अधिक चिल्लर आ जाने की समस्या से रेहडी पटरी पर अपना व्यवसाय चलाने वाले लघु व्यापारियों को अपनी रोज की बिक्री में आने वाले एक के और दो के सिक्के अपने बड़े दुकानदारों व आड़तियो को दिए जाने के बाद उनके द्वारा मना
कर देने की वजह से लघु व्यापारियों को एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी जिस पर मध्य प्रदेश लघु व्यापारी संघ द्वारा आंदोलन और ज्ञापन के बाद भी बैंकों द्वारा सिक्के ना लिए जाने के बाद दमोह बंद जैसे कदम उठाए जाने के बाद उस वक्त के तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत कुमार मलैया द्वारा अपने गृह जिले की समस्या को देखकर तत्काल ही बैंकों को आदेश किया तब जाकर बैंकों ने चिल्लर लेना प्रारंभ किया।बैंकों ने एक के और दो के सिक्के लेना प्रारंभ किया
था जिससे बड़े दुकानदारों के एक और दो सिक्के बैंक में जमा हो जाने के बाद कालाबाजारी और खुदरा महंगाई बढ़ाने के उद्देश्य से कई लोगों ने शहर में अफवाह फैला दी की एक के और दो के सिक्के बंद हो गए हैं अब चलते नहीं है यही वजह है कि पिछले कई सालों से दमोह जिले में एक के और दो के सिक्के कोई भी दुकानदार नहीं लेता जिस वजह से दमोह जिले में खुदरा महंगाई चरम सीमा पर पहुंच चुकी है उदाहरण के तौर पर आपको बता दें कि ₹2 में बिकने वाली चाय अचानक से ₹5 में बिकने लगी ₹5 में आने वाला समोसा आलू बंडा जैसे कई आइटम महंगाई को देखते हुए 6 और 7 रुपए का मिलना चाहिए लेकिन एक के और दो के सिक्के ना चलने की वजह से आज कई दुकानदार ₹10 का समोसा और कई नाश्ते में आने वाले आइटम का रेट ₹10 कर बेच रहे हैं जिससे आम जनता को अधिक दामों में ऐसी कई वस्तुएं खरीदनी पड़ रही हैं जो की एक के और दो के सिक्के ना चलने की वजह से सीधे महंगाई में 5 गुना बढ़ोतरी हो चुकी है जिला प्रशासन ने इसी समस्या को देखते हुए लोगों की फैलाई गई अफवाह को खत्म करने के लिए सभी बैंकों को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि अपने बैंकों में डिस्प्ले बोर्ड लगाकर ग्राहकों को बताएं कि अभी सरकार द्वारा एक के और दो के सिक्के चलन में है भारत सरकार और रिजर्व बैंक के अनुसार मात्र 25 पैसे कि भारतीय मुद्रा को ही बाहर किया गया हैl
जिला प्रशासन को अब चाहिए कि जन जागृति के साथ-साथ दुकानदारों पर भी सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए ताकि दमोह जिले में चलन से बाहर हो चुके एक के और दो के सिक्के फिर से बाजार में चलने लगे क्योंकि दूसरे जिलों में एक के और दो के सिक्के चल रहे हैं लेकिन दमोह जिले में एक के और दो के सिक्के लेने से भिखारी भी मना कर रहे हैं भला एक के और दो के सिक्के लेने से भिखारी भी मना क्यों ना करें क्योंकि उन्हें एक के और दो के सिक्के से बाजार में कुछ नहीं मिलता अब सरकार को चाहिए कि एलाउंसमेंट और जिले में मुनादी करवा कर जनता को यह बताया जाए कि सरकार द्वारा एक के और दो के सिक्के बंद नहीं किए गए हैं ना लेने पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space