प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से बंद होने की कगार पर देश के डाकघर में फिर से लौटी रौनक लेकिन डाकघर के कर्मचारियों की वजह से जनता हो रही परेशान फिर से डाकघर से हो सकता है जनता का मोह भंग।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से बंद होने की कगार पर देश के डाकघर में फिर से लौटी रौनक लेकिन डाकघर के कर्मचारियों की वजह से जनता हो रही परेशान फिर से डाकघर से हो सकता है जनता का मोह भंग।
दमोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ऐसे कई कदम उठाए जा रहे हैं जिससे बंद होने की कगार पर आए डाकघर फिर से पहले जैसे काम कर सके और कई बार प्रधानमंत्री ने डाकघर की तारीफ करते हुए कहा था कि पहले जब डाकिया चिट्ठी लाता था तो उसका स्नेह प्यार सारे गांव वालों से और शहर के वार्ड वासियों से होता था वह सबको व्यक्तिगत जानता था यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति से चिट्ठी पढ़कर नहीं बनती थी तो डाकिया उस व्यक्ति की चिट्ठी उसे पढ़कर भी सुना देता था। प्रधानमंत्री द्वारा सुकन्या योजना और
पोस्ट ऑफिस में कई लाभदायक एफ डीओर रिंग रिंग खाते जिसमें लोगों को दूसरी बैंकों से ज्यादा ब्याज मिल रहा है जिस वजह से जनता का रुझान फिर से डाकघर की तरफ हुआ यहां तक की आधार कार्ड जैसे महत्त्वपूर्ण कार्य भी डाक घर से कराए जा रहे हैं जिसमें आधार कार्ड में कोई भी सुधार कार्य हो या केवाईसी सभी कार्य डाकघर में किये जा रहे हैं। जिस वजह से पोस्ट ऑफिस में काफी रौनक और जनता पहुंच रही है लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा पहले के डाकियो की तारीफ करते हुए जो कहा गया उससे उलट यहां देखने को मिल रहा है इन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं अगर कोई रजिस्ट्री के लिए आता है और किसी क्षेत्र का पिन कोड उसे पता नहीं है तो वह पिन कोड भी नहीं बताते और अगर कोई
पोस्टल ऑर्डर लेने जाए तो ₹10 का पोस्टल आर्डर दमोह में कई दिनों तक नहीं मिलता जिससे लोग परेशान होते नजर आए आज जब हमारे संवाददाता दमोह पोस्ट ऑफिस पहुंचे तो वहां महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों की लंबी-लंबी कतार देखी गई जिसमें स्कूल की छोटी बच्चिया जो आधार कार्ड बनवाने आई तो कई आधार कार्ड में सुधार कराने आई तो कई लोग केवाईसी के लिए सुबह से ही लाइन में लगे थे उनका नंबर नहीं आ रहा था तभी लंच हो गया लंच 1 घंटे का हुआ लेकिन जनता लाइन छोड़कर भी नहीं जा पा रही थी क्योंकि सुबह से लाइन में लगे थे अगर लाइन छोड़कर जाते तो उसका नंबर निकल जाता यही वजह है कि जनता वही फर्श पर
लाइन से बैठ गई और सभी कर्मचारियो का लंच हो गया तो उन्होंने अपनी सीट व डाकघर के सभी पंखे चालू छोड़कर खाना खाने चले गए लेकिन जहां पर गरीब जनता बैठी हुई थी वहां के पंखे बंद कर चले गए यही वजह है कि अब लोग पोस्ट ऑफिस डाकघर जाने से बचते नजर आ रहे हैं और कहते हैं कि जरूरी काम सभी पोस्ट
ऑफिस को सौंप दिए हैं मजबूरी में आना पड़ता है लेकिन यहां के कर्मचारियों का व्यवहार ठीक नहीं है ऐसे में प्रधानमंत्री के प्रयासों पर अधिकारियों का पलीता ही माना जाएगा कि प्रधानमंत्री पोस्ट ऑफिस को फिर से पहले जैसा बनाना चाहते हैं लेकिन पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी डाकघर पोस्ट ऑफिस को फिर से वैसा ही बनाना चाहते हैं जो खत्म होने की कगार पर पहुंच गया था अब देखना होगा समाचार आने के बाद दमोह कलेक्टर ऐसे कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं।
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