अवैध विस्फोटक सामग्री बेचने वालों पर कब गिरेगी गाज। किसका है उन्हें संरक्षण प्राप्त।
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अवैध विस्फोटक सामग्री बेचने वालों पर कब गिरेगी गाज। किसका है उन्हें संरक्षण प्राप्त।
दमोह जिले में पिछले वर्षों में अवैध विस्फोटक सामग्री से विभिन्न प्रकार की घटनाओं को अंजाम दिया गया जिसमें सबसे बड़ी घटनाएं एटीएम को ब्लास्ट कर कई एटीएम लूटे गए इसके बावजूद भी जिले में अवैध रूप से विस्फोटक सामग्री जैसे घातक जिलेटिन छड़े और फ्यूज वायर ब्लास्टिंग पाउडर जैसे घातक हथियार आम लोगों की पहुंच मैं आ रहे हैं कई गांव में तो यहां तक सुनने को मिल रहा है कि लोग विस्फोटक सामग्री से तालाबों की मछलियां मार रहे हैं तो वही सरकार की कपिलधारा कूप जैसी महत्वपूर्ण परियोजना में भी अवैध विस्फोटक का प्रयोग कर विस्फोटक
सामग्री बेचने के बाकायदा बिल लगाकर भुगतान कराया गया है। अब विस्फोटक सामग्री इतनी आसानी से लोगों तक न पहुंचे जिस वजह से ऐसे अवैध विस्फोटक सामग्री बेचने वालों पर कार्यवाही के लिए प्रशासन का ध्यान इस और आकर्षित करते हुए एक लिखित शिकायत दमोह कलेक्टर महोदय को की गई थी जिसके बाद दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा हटा एसडीएम को इसकी जांच सौंपी गई थी जिसके बाद एसडीओ ने इस संबंध में समस्त
दस्तावेज सहित जांच के दिशा निर्देश दिए जिस पर जनपद पंचायत पटेरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से जवाब तलब किया गया इस संबंध में जनपद पंचायत पटेरा के सीईओ मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पटेल फेब्रिकेशन को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया जिसमें 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का हवाला देकर नोटिस काटा गया अब देखना होगा नोटिस के 3 दिन बीत जाने के बाद जनपद पंचायत पटेरा ऐसे वेंडर पर क्या कार्यवाही करते हैं क्योंकि आपको बता दें शहर में जन चर्चा का विषय है कि
शासकीय ठेकेदार पटेल फैब्रिकेशन वालों की नजदीकियां क्षेत्रीय विधायक से बनी हुई है यही वजह है कि अधिकारी भी इन पर कार्यवाही करने से बचते नजर आते हैं और अधिकारियों में ठेकेदार द्वारा अपनी नजदीकियां क्षेत्रीय विधायक से बताने के लिए विधायका के साथ हर प्रोग्राम में खींची गई फोटो सोशल मीडिया पर डालकर कर्मचारियों पर रॉब झाड़ते है ऐसा लोगों का कहना है। जिस तरह खुलेआम पटेल फेव्रिकेशन द्वारा पंचायतों में विना लाइसेंसधारी हुए अवैध घातक विस्फोटक सप्लाई किये जा रहे हैं उसको देखते हुए बीते सालों में जो एटीएम ब्लास्ट कर एटीएम की लूट की गई थी उसके सभी अपराधी की पटेल फेव्रिकेशन से
संबंधों की जांच भी होना चाहिए। इस वजह से प्रशासन को भी चाहिए कि इस मामले की बारीकी से जांच की जाए और क्षेत्रीय नेता विधायकों को भी ऐसे लोगों से दूरियां बनाकर रखना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग नेताओं की छवि खराब करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते विधायिका जी को शायद पता भी ना हो कि उनके साथ खींची गई फोटो का यह कहां-कहां इस्तेमाल कर रहे हैं अब देखना होगा समाचार आने के बाद प्रशासन ऐसे लोगों पर कब तक कड़ी कार्यवाही करता है
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