दमोह एस पी द्वारा जनसुनवाई को लेकर नई व्यवस्थाएं बनाई गई हटा एस डीओ पी को नहीं आई नई व्यवस्था रास। आज लगी दमोह के एस पी ऑफिस में जनसुनवाई चौपाल।
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दमोह एस पी द्वारा जनसुनवाई को लेकर नई व्यवस्थाएं बनाई गई हटा एस डीओ पी को नहीं आई नई व्यवस्था रास। आज लगी दमोह के एस पी ऑफिस में जनसुनवाई चौपाल।
दमोह मैं आम जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुए दमोह एस पी द्वारा नई व्यवस्था बनाई गई जिसमें जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी के साथ एक-एक थाना प्रभारी होगा जनसुनवाई में मौजूद दमोह एसपी ऑफिस में होगी जनसुनवाई इसके आदेश दो दिन पहले ही सभी अनुविभागीय अधिकारियों को पहुंचाए जा चुके थे यही वजह थी कि आज दमोह एसपी ऑफिस में एडिशनल एसपी सी एस पी सहित जिले के कई अनुविभागीय अधिकारियों के साथ एक थाना प्रभारी एसपी ऑफिस में
जनसुनवाई का आयोजन किया गया जिसमें जिले के कई थाना क्षेत्र से लोग जनसुनवाई में पहुंचे जहां पर लोग अपनी समस्याएं लेकर आए थे तो वही हटा एसडीओपी प्रशांत सुमन के पास एक पीड़ित जो पटेरा के ग्राम पंचायत कुंवरपुर से पहुंचा जो कि पेशे से अपने आप को पत्रकार बता रहा था इसकी शिकायत थी कि जनपद पंचायत पटेरा में ठेकेदार भरत पटेल द्वारा उसे जान से मार देने की धमकी दी जा रही है और झूठे मुकद्दमो में फंसा देने की
बात कही जा रही है यहां तक की कई ग्रुपों में भरत पटेल द्वारा लिखा गया है ग्रुप से जुड़े सभी गणमान्य नागरिक से निवेदन है की लोकेंद्र राजपूत पत्रकार द्वारा किसी भी ग्राम पंचायत की या किसी व्यक्ति विशेष की फर्जी शिकायत की जाती है तो जांच कर इसके खिलाफ कार्यवाही और गांव वालों से भी हमें धमकियां दिला रहा है लोग बता रहे हैं कि भरत पटेल कह रहा था कि तुम्हें झूठे केस में फंसवा दूंगा ऐसी पहले भी हमें धमकी दे चुका है जिसकी पूर्व में भी एसपी साहब से पीड़ित शिकायत कर चुका है ताजा मामला अभी 2 दिन पहले अखबारों में ग्राम के कार्यों में होने वाली गड़बड़ियों को उजागर करती खबरों के चलते जांच टीम पहुंची थी जो कार्य
ठेकेदार भरत पटेल लिए हुए हैं यही वजह है कि पीड़ित को पुनः धमकियां मिलने लगी है जिसकी शिकायत लेकर आज दमोह एसपी ऑफिस पहुंचे जहां पर हटा एसडीओपी का रवैया ऐसा था कि जैसे वह शिकायतकर्ता की शिकायत का यही तत्काल निराकरण कर दें शिकायतकर्ता से पूछते नजर आए की आपने जो शिकायत में लिखा है फर्जी बिल लगाकर शासन के पैसे निकाल रहे हैं इसके सबूत दें और कहीं आपकी चुनावी रंजिश तो नहीं है। भरत पटेल द्वारा ग्रुप में लोगों को भड़काऊ शब्द लिखने पर एसडीओपी कह रहे थे कि इसमें कोई भड़काऊ बात नहीं है जबकि भरत पटेल की भाषा शैली ऊपर समाचार में लिखी गई है आप खुद पढ़कर समझ सकते हैं कि यह पत्रकार के खिलाफ लोगों को
भड़का रहा था ताकि लोग पत्रकार की शिकायतें करने लगे इससे यह स्पष्ट समझ में आ रहा था कि दमोह एस पी की नई पहल हटा एसडीओपी को रास नहीं आ रही थी। भरत पटेल के खिलाफ़ फर्जी बिल लगाकर शासन की राशि निकाले जाने के सबूत जब हटा एसडीओपी के समक्ष पेश किए गए तब जाकर उन्होंने आवेदन लिया अब एसडीओपी के रवैये से पीड़ित को कहीं से नहीं लगता की शिकायत पर कोई कार्यवाही की जाएगी।
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