जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर विक्रांत चौहान का मरीज के प्रति आमानवीय चेहरा आया सामने।
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जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर विक्रांत चौहान का मरीज के प्रति आमानवीय चेहरा आया सामने।
दमोह में यूं तो हर रोज जिला अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मरीज के साथ अमानवीय तरीके से व्यवहार करते देखा गया है जिला अस्पताल के स्टाफ की शिकायत मरीज के परिजन रोजाना करते रहते हैं लेकिन बीती रात्रि में जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर विक्रांत चौहान द्वारा बांदकपुर से एक महिला एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल अपनी मां को लेकर जब जिला अस्पताल में पहुंची जहां पर ड्यूटीरत डॉक्टर विक्रांत चौहान द्वारा घायल महिला की स्थिति और उसकी बेटी की परिस्थितियों को ध्यान मैं ना रखते हुए परेशान बेटी जिसकी मां गंभीर रूप से एक्सीडेंट से घायल हो चुकी थी ऐसे मरीज से मानवता न दिखाते हुए अमानवीय तरीके से
घायल की बेटी को डांटते हुए कहते नजर आए की ज्यादा जल्दी है तो कहीं और ले जाओ नहीं करता इलाज इतना सुन घायल महिला की बेटी गुस्से से भर उठी और डॉक्टर के साथ ऊंची आवाज में चिल्ला चिल्ला कर बातें करने लगी जिस पर डॉक्टर विक्रांत चौहान द्वारा महिला का वीडियो बना लिया गया और पुलिस बुलाकर और पुलिस में FIR करने की धमकी देने लगे जबकि गंभीर रूप से घायल मरीज के परिजनों की हालत वैसे ही तनाव मै रहती हैं उस पर डॉक्टर का व्यवहार उन्हें और तनाव मै कर देता हैं यही वजह है कि आए दिन जिला अस्पताल में मरीजों के परिजन गुस्से में गाली गलौज करते दिखाई देते हैं लेकिन जिला अस्पताल में पदस्थ

कर्मचारियों और डॉक्टर को भी चाहिए कि मरीज के परिजनों से अच्छा व्यवहार करें क्योंकि कोई व्यक्ति खुशी से जिला अस्पताल में नहीं जाना चाहता वह वैसे ही मजबूरी वश जिला अस्पताल में गया है उसकी मजबूरी ना समझते हुए जिला अस्पताल के स्टाफ द्वारा जब मरीज से अमानवीय तरीके से व्यवहार किया जाता है तो स्वाभाविक तौर पर लोग गुस्से में आ जाते हैं लोगों के गुस्से में डॉक्टरों का जिला अस्पताल के स्टाफ के साथ गाली गलौज करने का हमारा चैनल समर्थन नहीं करता ना ही किसी को डॉक्टर व स्टाफ के साथ गाली गलौज करनी चाहिए लेकिन यह बात भी सही है कि डॉक्टरों को भी अपना मानवीय चेहरा रख कर जिला अस्पताल में काम करना चाहिए और मरीज के साथ इंसानों जैसा व्यवहार करना चाहिए।

ब्लड बैंक में जांच के लिए निकाले के जाने वाले ब्लड सैंपल के समय एक नर्स अकेली ब्लड सैंपल लेती है इस वजह से कई बार देखा गया हैं कि मरीज की नस नहीं मिलती जिससे निडिल यहां की वहां जाती है जिससे मरीज परेशान होता है लेकिन जिला अस्पताल के पैथोलॉजी वाले आज तक ब्लड सैंपल निकालते समय हाथ के ऊपर ब्लड सर्कुलेशन रोकने के लिए बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करते जिस वजह से मरीज परेशान होते हैं और अगर कुछ कह दें तो वही रवैया जो डॉक्टर विक्रांत ने दिखाया। जिला अस्पताल के सभी कर्मचारी व डॉक्टर और दमोह कलेक्टर को बता दें कि हम पत्रकार जब जिला अस्पताल में एक्सीडेंट या लड़ाई झगड़ा में घायल लोगों का वीडियो बनाते हैं उस वक्त कई मरीजों के परिजन और मृतकों के परिजन चिल्लाते हुए गाली गलौज के साथ कैमरा बंद करने की धमकी देते हैं लेकिन आज तक किसी पत्रकार ने FIR नहीं की ना ही कभी उस परिजन का दोष माना बल्कि उस मरीज और मृतक के परिजनों की उस वक्त की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कभी पत्रकारों ने इस बात की बुराई नहीं मानी ऐसा ही जिला अस्पताल के डॉक्टर को करना चाहिए।
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