दमोह में अवैध फटाका फैक्ट्री मैं हुई 6 लोगों की मौत के बाद प्रशासन को कोसते नजर आए थे दमोह के नागरिक आज वही प्रशासन पर बना रहे दबाव।
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दमोह में अवैध फटाका फैक्ट्री मैं हुई 6 लोगों की मौत के बाद प्रशासन को कोसते नजर आए थे दमोह के नागरिक आज वही प्रशासन पर बना रहे दबाव।
दमोह व मध्य प्रदेश में पिछले साल कई जगह पर अवैध पटाखा फैक्ट्री के चलते कई बड़ी घटनाएं सामने आई थीं जैसे कि दमोह में जहां पर अवैध फटाका फैक्ट्री के संचालन के चलते 6 लोगों की मौत हुई थी तो वही मध्य प्रदेश के हरदा में भी भारी विस्फोट के चलते जनहानि हुई थी यही वजह थी कि लोग उस वक्त शासन प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए उग्र आंदोलन कर अवैध रूप से पटाखा बेचने वालों पर सख्ती से कार्यवाही करने का दबाव
प्रशासन पर बना रहे थे मामला लोगों की मौत से जुड़ा होने की वजह से प्रशासन ने भी संपूर्ण मध्य प्रदेश में सभी पटाखा फैक्ट्री व पटाखा व्यापारियों पर सख्ती से कार्यवाही करते हुए नियम विरुद्ध व सरकार की गाइडलाइंस अनुसार पटाखा फैक्ट्री संचालित व स्टॉक पर सख़्ती करते हुए जो सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार अपनी फैक्ट्री व अपनी गोदाम नहीं बनाए हुए थे ऐसे लोगों की फैक्ट्री व गोदमें सील कर सभी माल जप्त किया गया था जिसे
प्रशासन द्वारा नष्ट किया जाना चाहिए क्योंकि यह विस्फोटक सामग्री चाइनीज व सरकार की तय मानक पर सही नहीं पाई गई थी और 400 किलो बारूद का लाइसेंस लेकर कई दुकानदार इससे अधिक का स्टॉक किए हुए थे यही वजह थी कि प्रशासन ने इन दुकानदारों पर सख़्ती करते हुए सभी माल जप्त कर लिया था आज यही दुकानदार अपने लाखों रुपए के पटाखे को बचाने के लिए प्रशासन पर फिर से दबाव बनाकर अपने लाखों रुपए के
पटाखे वापिस चाहते हैं इस वज़ह से प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है जबकि दुकानदारों को लाइसेंस जारी हो चुके हैं लेकिन पटाखा व्यापारी जिद पर अड़े हुए हैं कि हमें पुनः वैसी ही धांधली करने का मौका दिया जाए जैसी पूर्व में करते रहे हैं 500 किलो बारूद का लाइसेंस लेकर हजारों टन बारूद इकट्ठा कर गोदाम में भर लेते हैं जिससे जब जनहानि होती है तो जनता का गुस्सा सरकार और प्रशासन पर आता है। 28 अक्टूबर से 5 नवंबर तक यानी की 9 दिन के लिए पटाखा बेचने के लाइसेंस जारी किए गए हैं। इस बार संपूर्ण मध्य प्रदेश में विस्फोटक व पटाखों पर सख्ती होने की वजह से माल महंगा मिल रहा है इसलिए दमोह के
दुकानदार चाहते हैं कि प्रशासन पर दबाव बनाकर जप्त किए गए लाखों रुपए के पटाखे उन्हें वापस मिल जाए जिससे वह ऊंचे दामों पर गरीब जनता को बेच सकें और उन्हें मोटी कमाई हो सकें और उन्ही गरीब जनता का हवाला देते हुए प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है अब देखना होगा प्रशासन क्या अवैध पटाखों को नष्ट करता है या उन्हीं दुकानदारों को वापिस करता है। अगर प्रशासन पर दबाव रखकर इन्हें चाइनीज पटाखे फिर से बेचने दिए जाते हैं तो भगवान ना करें कोई घटना हो जाएं जिससे कोई जनहानि होती हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। कोई इन दुकानदारों से भी
पूछे की संपूर्ण मध्य प्रदेश में पटाखे की दुकान के लाइसेंस रद्द नहीं किए गए क्या वजह थी कि दमोह के सभी पटाखा व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त किए गए इस पर भी उन लोगों को सोचना चाहिए की जनता की सुरक्षा दृष्टि को ध्यान में रखते हुए ही प्रशासन ने यह कार्यवाही की थी अब ऐसे मैं फिर से प्रशासन पर दवाब बनाकर पटाखा व्यापारियों को लाभ दिलाने वाले लोग क्या जनहानि की जिम्मेदारी लेंगे
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