हिंदुओं की भावनाओं को देखते हुए प्रशासन ने लाखों रुपए से अधिक के पटाखे नष्ट न कर व्यापारियों को फिर से बेचने का दिया अवसर।और अवसर का लाभ उठाकर व्यापारी उन्हीं हिंदुओं को लगे लूटने में।
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हिंदुओं की भावनाओं को देखते हुए प्रशासन ने लाखों रुपए से अधिक के पटाखे नष्ट न कर व्यापारियों को फिर से बेचने का दिया अवसर।और अवसर का लाभ उठाकर व्यापारी उन्हीं हिंदुओं को लगे लूटने में।

आपदा में अवसर तलाश लेने वाले यह व्यापारी पहले भी पान मसाला गुटका की कालाबाजारी कर चुके हैं। इस दुकानदार के यहां लाइसेंस निरस्त होने के बाद कुछ दिन पहले तहसीलदार की छापामार कार्यवाही में भारी मात्रा में पटाखे जप्त किए गए थे।
1 साल पटाखा के लाइसेंस निरस्त होने के बाद कुछ दिनों के लिए मिले लाइसेंस का फायदा उठा रहे पटाखा व्यापारी।

यह दुकानदार भी ब्रांडेड आइटम की डुप्लीकेटिंग मामले में गिरफ्तार हो चुका है यह सभी दुकानदार आपदा में अवसर तलाश कर लाखों रुपए की मोटी कमाई करते हैं।

दमोह में पिछले साल हुए पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में 6 मौतें हो जाने के बाद पटाखा व्यापारियों पर सरकार द्वारा की गई सख़्ती के बाद दमोह में बिक रहे पटाखो पर प्रशासन द्वारा जब व्यापारियों के लाइसेंस चेक किए गए और सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइंस को देखा गया तो पाया गया की संपूर्ण दमोह में जितने भी पटाखा व्यापारी थे वह सभी धड़ल्ले से सरकार को ठेंगा दिखाते हुए लाइसेंस के

पैमाने से अधिक पटाखे रखे हुए थे और प्रतिबंधित पटाखे का भी इस्तेमाल कर रहे थे इनके द्वारा बनाई गई गोदाम में भी कई अनियमितताएं देखी गई थी जिसमें प्रमुख रूप से जहां पर पटाखा गोदामें है उसके नजदीकी ही पेट्रोल पंप होने की वजह से सभी पटाखा गोदाम को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था जबकि संपूर्ण मध्य प्रदेश में कहीं भी पटाखा व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त नहीं किए गए थे दमोह के यह पटाखा व्यापारी इतनी बड़ी अनियमिताएं कर रहे थे अगर प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता और कोई घटना दुर्घटना हो जाती जिससे हजारों लोगों की मौत होने की आशंका बनी हुई थी यही वजह है कि दमोह के संपूर्ण दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त किए गए थे

लेकिन व्यापारियों ने हिंदुओं की भावनाओं की आड बनाते हुए और त्योहार का हवाला और ऊपर से राम जन्म भूमि में विराजमान श्री राम लाल के पहले वर्ष पढ़ने वाली दीपावली का फायदा उठाते हुए प्रशासन पर दबाव बनाकर अपनी मनमानी कर शासन से फायदा उठा लिया लेकिन इस फायदे के बावजूद भी गरीब जनता को यह व्यापारी जरा सी भी रियायत देने को तैयार नहीं है मनमाने रेट पर पटाखे बेचे जा रहे हैं जिससे गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को आज अपने बच्चों को पटाखा दिलाना एक टेढ़ी खीर दिखाई देती नजर आई कल धनतेरस के दिन पटाखा व्यापारियों को प्रशासन ने लाभ दिया जो पटाखे प्रशासन ने जप्त किए थे उन्हें नष्ट किया जा जाना था प्रशासन ने

नष्ट न कर हिंदुओं की भावनाओं को देखते हुए इन पटाखा व्यापारियों को वही पटाखे बेचने के लिए वापस दे दिए जिसमें आठ गोदाम में भरे लाखों रुपए के पटाखे जो नष्ट किए जाने थे इन दुकानदारों को वापस दे दिए लेकिन यह अब जरा भी हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए गरीब जनता को राहत नहीं दे रहे और मनमाने रेट पर पटाखे बेच रहे हैं जिससे दुकानदार लाखों की कमाई कर रहे हैं

यही पटाखे सागर और जबलपुर कटनी में आधे से कम दामों में मिल रहे हैं जो फुलझड़ी यहां पर 50 से ₹100 की बेची जा रही है वह बाहर शहरों में मात्र 20 से 30 रुपए की आ रही है और जो सूत्री बम का पैकेट यह ₹100 से अधिक में बेच रहे हैं वह 30 से ₹40 का आ रहा है गरीब हिंदुओं के त्यौहार दीपावली पर महंगे पटाखों से राहत दिलाने अब देखना होगा कौन संगठन सामने आता है क्योंकि व्यापारियों को लाभ दिलाने के लिए तो कई संगठन सामने आए थे
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