जिला अस्पताल में एकमात्र महिला विशेषज्ञ गंगेले उठा रही हैं जिला अस्पताल फायदा। ओर अपने पद का कर रही दुरुपयोग।
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जिला अस्पताल में एकमात्र महिला विशेषज्ञ गंगेले उठा रही हैं जिला अस्पताल फायदा। ओर अपने पद का कर रही दुरुपयोग।
आपको बता दें कि जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर श्रीमती श्रद्धा संजय गंगेले जिला अस्पताल में महिला विशेषज्ञ के तौर पर ड्यूटी रत हैं जिनका काम महिलाओं की माहवारी से लेकर डिलीवरी तक महिलाओं की समस्याओं को देखना हैं जिसका यह भरपूर फायदा उठाते हुए जिला अस्पताल में अपनी ड्यूटी निभारही हैं जो भी प्रेगनेंसी महिला जिला अस्पताल में इलाज कराने आती है उन सभी महिलाओं को भली-भांति पहले ही महीने से जानकारी मिल जाती है कि जिला अस्पताल में महिला विभाग में पदस्थ डॉक्टर श्रीमती श्रद्धा गंगेले महिला विशेषज्ञ है।

गर्भवती महिला विशेषज्ञ जिला अस्पताल में बड़े पद पर पदस्थ डॉ गंगेले के अलावा जिले में कोई भी ऐसी महिला डॉक्टर नहीं है जो जिला अस्पताल में सबसे सीनियर हो इसी का फायदा उठाते हुए जिला अस्पताल में प्रेगनेंसी से लेकर डिलीवरी तक सभी महिलाएं इन सरकारी डॉक्टर गंगेले की जी हजूरी से लेकर सभी बातें मानते हुए इन्हें पहले दिन से ही चेक कराने जाती हैं क्योंकि इन्हें भली-भांति पता होता है कि जिला अस्पताल में जब 9 माह बाद बच्चे की डिलीवरी की नौबत आएगी उस वक्त जिले की पहली महिला विशेषज्ञ जो सरकारी जिला अस्पताल में पिछले कई वर्षों से पदस्थ है इनके बिना जिला अस्पताल में किसी की नहीं चलती यही वजह है कि जिला अस्पताल में आने वाली 90% गर्भवती महिलाएं इन्हीं को दिखाती है लेकिन उनके द्वारा गर्भवती महिलाओं पर ध्यान ना देना उन महिलाओं के प्रति जो अपनी और बच्चे की जान उनके हवाले कर इनसे इलाज लेते हुए चेकअप करा रही हैं। महिला डॉक्टर गंगेले को जच्चा बच्चा की जान से ज्यादा पैसों की भूख है क्योंकि आपको बता दें कि 7 नवंबर को

एक महिला मरीज को दिखाया जिसकी जांच के बाद इलाज का कहा गया जांच की रिपोर्ट 8 नवंबर को आई 8 नवंबर को जब पेशेंट अस्पताल चौराहे पर उनके बंगले पर पहुंचा तो वहां पर उनके प्राइवेट कर्मचारी जो एक पंडित है उसने बताया कि आज मैडम नहीं हैं कल चेक करेंगी 9 नवंबर को जिला अस्पताल में सरकार की स्वच्छता अभियान टीम की छापामार कार्यवाही होने की वजह से मैडम नहीं बैठी हैं आप एक काम करें अपनी जांच रिपोर्ट हमें दे दें मैं मैडम को दिखाकर आपकी दवाई लिखवा दूंगा 9 तारीख को ही मैडम के प्राइवेट स्टेनो ने मरीज की सभी रिपोर्ट की फोटो खींच ली और शाम को ट्रीटमेंट का पर्चा ले जाने के लिए कहा लेकिन शाम को ना मैडम मिली ना कर्मचारी आज सुबह से जब मैडम और कर्मचारियों का फोन नहीं लगा तब बंगले पर जाने पर बताया कि कल आना मैडम बाहर भोपाल में है कल जांच रिपोर्ट देखकर मैडम दवाई लिख देगी इस दौरान पिछले तीन दिन से मरीज बगैर ट्रीटमेंट के रह रहा है इससे मरीज को कोई भी तकलीफ या समस्या आ जाने पर कौन दोषी होगा इसका जिम्मेदार कोई नहीं है मैडम तो अपनी फीस लेकर भोपाल चली गई।

जबकि आपको बता दें कि शहर में कोई भी कितना ही बड़ा डॉक्टर हो ₹300 से ज्यादा फीस नहीं ले रहा इसके बावजूद भी सरकारी अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर गंगेले ₹600 फीस ले रही हैं बात पैसों की नहीं है बात जरूरत और इमरजेंसी की है जो की सरकारी अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर गंगेले अपनी ड्यूटी ना निभाते हुए एक तो सरकारी अस्पताल और सरकार को धोखा देकर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रही हैं उसके बावजूद भी जिला अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को अपने यहां शिफ्ट कर रही हैं और उनका भी शोषण कर अतिरिक्त फीस लेकर उन्हें प्रॉपर तरीके से नहीं देख रही हैं इसका ताजा उदाहरण आपको बता दें कि 7.11 .24 को चेक कराया गया इसके बाद जांच के लिए लिखा गया जांच रिपोर्ट न आने की वजह से दवाई नहीं लिखी गई और मैडम किसी काम से भोपाल चली गई जिस वजह से मरीज का ट्रीटमेंट प्रारंभ नहीं हो पाया लेकिन मैडम ने फीस पूरी ली और आज भी मरीज अपने इलाज के लिए दर- बदर भटक रहा है
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