दमोह के प्राचीन तालाब के किनारे हुए अतिक्रमण में बेघर हुए परिवार। प्रशासन पर भेदभाव के लगे आरोप ।
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दमोह के प्राचीन तालाब के किनारे हुए अतिक्रमण में बेघर हुए परिवार। प्रशासन पर भेदभाव के लगे आरोप
दमोह जिले में यूं तो जगह जगह अतिक्रमण देखा जा सकता है जिसकी शिकायतें भी प्रशासन से लगातार की जाती रही है लेकिन आज तक जितने भी अवैध अतिक्रमणों की शिकायतें हुई हैं उन सभी अतिक्रमण पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं लेकिन प्राचीन तालाब के पास कई दशकों से रहने वाले लोगों के मकान इस दिसंबर की शीतकालीन कड़ाके की ठंड में अतिक्रमण हटाया गया जिसमें लक्ष्मी सोनी अपने पूरे परिवार के साथ कई वर्षों से यहां बने मंदिर की देखरेख करने के लिए अतिक्रमण किए हुई थी और मंदिर की देखरेख और साफ सफाई भी करती रहती थी
ऐसा ही एक पटेल परिवार जो पिछले कई दशकों से मंदिर की सेवा करता और मंदिर के बाजू से ही अपना कच्चा मकान बनाकर वहीं पर परिवार के साथ रह रहा था तो वहीं 80 साल के एक बुजुर्ग जो चलने फिरने में असमर्थ हैं और उनकी शादी भी नहीं हुई जिस वजह से उनकी कोई देखरेख करने वाला भी नहीं था ऐसे बुजुर्ग को भी प्रशासन ने जरा भी राहत नहीं दी और उससे भी आनन फानन में मकान खाली कराया और उसका मकान भी जमी दोष कर दिया गया अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम का लोगों ने विरोध भी किया और सभी लोग प्रशासन की इस कार्रवाई से नाराज दिखे और यह भी कहते सुने गए की
न्यू मल्टीप्लेक्स मॉल के मलिक को फायदा दिलाने के लिए यहां का अतिक्रमण हटाया जा रहा है जबकि कई जगह ऐसी है जिसकी शिकायत निरंतर की जा रही है लेकिन आज तक प्रशासन का बुलडोजर उस और नहीं गया जबकि प्रशासन ने उन अवैध कब्जाधारियों को मुआवजा की राशि भी दे चुके हैं उसके बावजूद भी कब्जा किए हुए हैं प्रशासन की इतनी जल्दबाजी में अतिक्रमण हटाए जाने से प्रशासन पर भी सवालों की उंगलिया उठाई जा रही हैं।
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