क्या दमोह क्षेत्र में भी विदेशी फंडिंग से क्षेत्र की डेमोग्राफी चेंज करने की मुहिम चलाई जा रही है।
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क्या दमोह क्षेत्र में भी विदेशी फंडिंग से क्षेत्र की डेमोग्राफी चेंज करने की मुहिम चलाई जा रही है।
संपूर्ण भारत में जहां कई लोग समाज सेवी बनकर क्षेत्र की डेमोग्राफी बदलने में लगे हुए हैं। कई बार हिंदू संगठनों ने कई प्रदेशों में हिंदुओं की कम जनसंख्या का कारण विदेशी फंडिंग व अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ करा कर वह धर्मांतरण के तरीकों से क्षेत्र की डेमोग्राफी चेंज कर हिंदुओं का सफाया किया जा रहा है इस तरह के आरोप लगते रहे हैं यही वजह है कि सरकारों पर धर्मांतरण व बाहर से आए घुस पेठियो पर शक्ति से कार्यवाही करने का दबाव हिंदूवादी संगठन बनाते रहते है लेकिन

मध्यप्रदेश में धर्मांतरण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इन पर लगाम लगाने में सरकार भी नाकाम नजर आ रही है। तो वहीं राज्य के कई जिलों में जोरशोर से धर्मांतरण किया जा रहा है। वहीं अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा मामले दमोह जिले में देखे जाते हैं जहां आए दिन धर्मांतरण की खबरें सोशल मीडिया पर लगातार वायरल होती रहती हैं। अब दमोह से ही फिर धर्मांतरण का मामला सामने आया है।


दमोह के क्रिश्चियन कालोनी में कोतवाली पुलिस ने जब एक मकान में छापा मारा तो उनके तो होश ही उड़ गए। पुलिस को मकान के अंदर 12 मासूम नाबालिग बच्चे मिले। बता दें कि नाबालिगों के घर में रखने संबंधित कोई दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं थे। मानव अधिकार आयोग के पत्र के आधार पर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की।

अब ऐसा माना जा रहा है कि इन बच्चो का धर्मांतरण कर ईसाई धर्म में शामिल करने की आशंका है। मौके पर पुलिस और महिला एवं बाल विकास की टीम मौजूद रही। जहां इन बच्चों को रखा गया था वो मकान प्रवीण शुक्ला नाम के युवक का बताया जा रहा है। ये पूरा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के तहत आने वाले क्रिश्चियन

कॉलोनी का है। इस घटना से हिंदूवादी संगठनों ने दमोह की डेमोग्राफी चेंज करने जैसे षड्यंत्र के आरोप लगाते हुए बताया कि एक और दमोह में जमकर लव जिहाद किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर तेजी से हिंदू समाज की कमजोर कड़ी गरीब तपके पर विदेशी फंडिंग से मदद कर हिंदुओं को बरगलाकर धर्मांतरण कराया जा रहा है तो छोटी उम्र के मासूम बच्चों को भी लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है इन सभी मामलों की जांच की मांग की बारीकी से जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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