दमोह बना अवैध शराब का अड्डा! जनता कर रही शिकायतें — आबकारी विभाग सिर्फ खाना पूर्ति में जुटा?
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दमोह बना अवैध शराब का अड्डा!
जनता कर रही शिकायतें — आबकारी विभाग सिर्फ खाना पूर्ति में जुटा?
दमोह — एक ओर सरकार नशामुक्ति के अभियान चला रही है, दूसरी ओर दमोह जिला अवैध शराब की तस्करी का गढ़ बनता जा रहा है। हालात ये हैं कि अब कलेक्टर और एसपी के सामने लोग खुलकर शिकायतें करने लगे हैं, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ “प्रेस नोट” तक ही सिमट गई है।

📍ग्राम किशुनगंज — हाल ही में गंगा जल संवर्धन अभियान के तहत बावड़ी सफाई कार्यक्रम में पहुंचे कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर से महिलाओं ने खुलेआम बिक रही अवैध शराब की शिकायत की। यह कोई एकल मामला नहीं है।
📲 सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बताते हैं कि:
ग्राम बांसा में खुलेआम बिक रही है शराब।
दमोह किल्लाई नाका विद्युत ऑफिस के पास चल रही अवैध बिक्री।

➡️ इसके बावजूद आबकारी विभाग की कार्रवाई महज दिखावा बनकर रह गई है। एक-दो लोगों पर मामूली केस दर्ज कर, विभाग प्रेस विज्ञप्ति में “30 पाव शराब जब्त” लिखकर अपनी पीठ थपथपा लेता है।
🔎 प्रश्न उठता है — जब जनता परेशान होकर खुद कलेक्टर-एसपी से शिकायत कर रही है, और वीडियो सामने हैं, तो आबकारी विभाग को सिर्फ 15-15 पाव शराब ही क्यों मिलती है?
क्या ये महज़ संयोग है — या फिर मिलीभगत?

👮 सोमवार को की गई कार्रवाई:
ग्राम किशुनगंज में दिलीप लडिया और परसू अहिरवार के पास से 30 पाव देशी शराब बरामद — दो मामूली प्रकरण दर्ज।
धारा: मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1)(क)
🎙️ अब जनता पूछ रही है:
क्या दमोह में अवैध शराब बेचने वालों को राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है?
बार-बार शिकायतों के बावजूद सख्त कार्रवाई क्यों नहीं?
क्या विभाग सिर्फ रिपोर्ट दिखाने के लिए काम कर रहा है?
📌 समाप्त नहीं हो रहा सवालों का सिलसिला —
दमोह में कानून व्यवस्था पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल…
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