दमोह में खाकी पर हमला: डायल 100 की टीम पर जानलेवा हमला, जिंदा जलाने की कोशिश!
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दमोह में खाकी पर हमला: डायल 100 की टीम पर जानलेवा हमला, जिंदा जलाने की कोशिश!
मध्यप्रदेश: दमोह जिले में कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। थाना मगरोन क्षेत्र के ग्राम पैरवारा में दबंगों ने डायल 100 की टीम पर न सिर्फ जानलेवा हमला किया, बल्कि एक पुलिसकर्मी को जलते ट्रैक्टर में डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की। इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है।

पुलिस के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ दबंग इंदर सिंह के खेत पर जेसीबी मशीन से जबरन कब्जा कर रहे हैं और हवाई फायरिंग कर ग्रामीणों में दहशत फैला रहे हैं। सूचना मिलते ही आरक्षक बलराम व डायल 100 की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन दबंगों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।

हमलावरों ने न सिर्फ पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की, बल्कि ट्रैक्टर में आग लगाकर जलते वाहन में पुलिसकर्मियों को फेंकने का प्रयास किया। किसी तरह जान बचाकर पुलिसकर्मी वहां से भागे और घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिसकर्मियों की आपबीती:
जिला अस्पताल में भर्ती घायल आरक्षकों ने बताया कि हमलावरों की संख्या बहुत अधिक थी और वे पूरी तैयारी के साथ आए थे। पुलिसकर्मियों का कहना है कि अगर ऐसे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे खुद को असुरक्षित महसूस करते रहेंगे और ड्यूटी करने में डर लगेगा।

प्रशासन पर उठे सवाल:
यह घटना केवल एक हमला नहीं है, यह पुलिस की गिरती साख और बदमाशों के बढ़ते हौसलों का प्रतीक है। सवाल यह उठता है कि जब वर्दीधारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता कैसे महफूज़ रहेगी? चंद दिन पहले ही एक आरक्षक पर त्रिशूल से हमला किया गया था और अब ये भयावह घटना इससे साफ है कि अपराधियों को पुलिस का कोई खौफ नहीं है।

अब कार्रवाई की बारी:
जनता और पुलिसकर्मियों की नजरें अब प्रशासन पर टिकी हैं। क्या दमोह पुलिस इन दबंगों पर सख्त कार्रवाई करेगी? या यह घटना भी फाइलों में दबकर रह जाएगी? अगर अब भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो जिले में कानून का राज खत्म होता दिखेगा।

इस प्रकार की घटनाएं केवल पुलिस पर हमला नहीं, बल्कि कानून और शासन व्यवस्था को चुनौती हैं। यदि प्रशासन तुरंत सख्त कार्रवाई नहीं करता, तो यह अपराधियों को और ज्यादा हिम्मत देगा और समाज को अराजकता की ओर धकेलेगा।

दमोह जिले में पुलिसकर्मियों पर हमले और उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश जैसे मामले न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा को लेकर भी गहरी चिंता पैदा करते हैं।
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