सोशल मीडिया पर वायरल हुई वह रोंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीरें… धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़, और समाज में फैलाई गई घिनौनी नफरत पर अब इन दरिंदों को कानून ने भी कोई रहम नहीं दिखाया है!
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“गर्भवती गौमाता की निर्मम हत्या…
सोशल मीडिया पर वायरल हुई वह रोंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीरें…
धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़, और समाज में फैलाई गई घिनौनी नफरत…
अब इन दरिंदों को कानून ने भी कोई रहम नहीं दिखाया है!”
दमोह से बड़ी खबर —
गाय वध के इस दिल दहला देने वाले मामले में अब अदालत ने भी साफ कर दिया है कि ऐसे जघन्य अपराध में शामिल आरोपियों को जमानत नहीं मिलेगी।

चार्जशीट पेश होने और तीन महीने से ज्यादा जेल में रहने के बावजूद, आरोपियों रेखा कुरैशी, समीर उर्फ मिट्ठू और एक नाबालिग को नहीं मिली राहत!
क्या है पूरा मामला?
7 मार्च 2025 — दमोह की सीताबावली मरघटा के पास जब पुलिस निरीक्षण पर पहुंची, तो एक दिल दहला देने वाला मंजर सामने आया।
दरवाजा खुला पड़ा था…
अंदर ज़मीन पर पड़ी थी एक गर्भवती गौमाता की कटी हुई लाश
कमरे में फैले थे गाय के कटे हुए पैर…
पास ही खून से सनी कुल्हाड़ी, आरी और चाकू…

पुलिस ने मौके से कल्लू कुरैशी, रेखा कुरैशी, समीर उर्फ मिट्ठू, शादाब, नवाजिश और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया।
न्यायालय का स्पष्ट निर्णय:
“यह केवल कानून का उल्लंघन नहीं…
बल्कि सामाजिक सौहार्द और धार्मिक भावनाओं पर सीधा प्रहार है।
ऐसे आरोपी समाज के लिए खतरा हैं — और इन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।

सरकारी वकील राजीव बद्री सिंह ठाकुर ने अदालत के सामने यह तर्क मजबूती से रखा —
“यह घटना समाज में द्वेष और वैमनस्य फैलाने वाली है। आरोपियों की संलिप्तता और अपराध की क्रूरता के आधार पर जमानत नहीं दी जानी चाहिए।”
अदालत ने इन तर्कों से सहमति जताते हुए, तीनों की जमानत याचिका खारिज कर दी।

जनता का गुस्सा भी फूटा था सड़कों पर —
इस जघन्य अपराध के विरोध में दमोह बंद रखा गया था।
हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे — न्याय की मांग करते हुए।
आज उन सभी आहत लोगों को न्याय व्यवस्था ने एक जवाब दिया है —
कि दरिंदगी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा!
“गौमाता की हत्या केवल एक अपराध नहीं,
यह हमारी आस्था और संस्कृति पर हमला है।
ऐसे दरिंदों को मिले कड़ी सजा —
यही होगा असली न्याय..
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