तीन गौमाताओं की दर्दनाक मौत : विकास कार्य में लापरवाही, बेलगाम ठेकेदार बना हादसे का कारण।डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर दादा भाई
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तीन गौमाताओं की दर्दनाक मौत : विकास कार्य में लापरवाही, बेलगाम ठेकेदार बना हादसे का कारण।
दमोह
जिले में चल रहे केंद्र सरकार के बहुचर्चित रेलवे ओवरब्रिज निर्माण कार्य के बीच एक दर्दनाक और आक्रोशजनक घटना सामने आई है। ओवरब्रिज निर्माण कार्य में लगी भारी क्रेन मशीन से तीन गौमाताओं को बेरहमी से कुचल दिया गया। हादसे की सूचना मिलते ही क्षेत्र में आक्रोश फैल गया और हिंदू संगठनों के साथ निस्वार्थ गौ सेवा समिति मौके पर पहुंची।

जानकारी के अनुसार, यह घटना समन्ना से करैया फाटक की ओर जाने वाले मार्ग पर घटित हुई, जहां तीन गायें सड़क किनारे बैठी थीं। तभी ओवरब्रिज निर्माण कार्य में लगी हाईडा (क्रेन) मशीन का चालक—जो प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नशे में था—बिना किसी सतर्कता के तेज रफ्तार में आया और तीनों गायों को कुचलते हुए निकल गया।


बाहर की कंपनी की मनमानी बनी हादसे का कारण
रेलवे की तीसरी लाइन डालने के लिए पथरिया विधानसभा क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश से बाहर की एक निजी ठेकेदार कंपनी को दी गई है। इस कंपनी पर पहले भी कई बार प्रशासनिक गाइडलाइन की अनदेखी और अवैध मुरम उत्खनन के आरोप लग चुके हैं।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह कंपनी क्रशर माफिया की तरह व्यवहार कर रही है, और जेसीबी मशीन से रेलवे लाइन के पास बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर अवैध रूप से मुरम निकाल रही है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।

प्रशासन और रेल विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में
इस मामले की शिकायत ग्रामीणों द्वारा कई बार रेल मंत्री, रेलवे GM और स्थानीय प्रशासन तक की जा चुकी है, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यही लापरवाही आज तीन बेजुबान गौमाताओं की जान पर भारी पड़ गई।अगर प्रशासन ने समय रहते इन ठेकेदारों की मनमानी पर लगाम लगाई होती, तो शायद आज यह दुखद हादसा न होता। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इन कंपनियों पर क्या कार्यवाही करता है या फिर यह मामला भी अन्य हादसों की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा।

हिंदू संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
घटना की जानकारी मिलते ही हिंदू संगठनों और निस्वार्थ गौ सेवा समिति के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और विरोध दर्ज किया। उन्होंने मांग की कि—
नशे में पाए गए ड्राइवर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए,
कंपनी पर मुकदमा दर्ज हो,
मुरम उत्खनन की अनुमति और कार्य स्थल की वैधता की जांच की जाए,और ओवरब्रिज निर्माण कार्य को प्रशासनिक निगरानी में किया जाए।

स्थानीय लोगों ने यह भी मांग की कि गौमाताओं की हत्या को धारा 429 (जानवरों की हत्या) के तहत गंभीर अपराध मानते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए।

यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो आगे और भी जानें जा सकती हैं।
सवाल उठता है कि क्या विकास की आड़ में कानून और संवेदनशीलता को यूं ही कुचला जाएगा?
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