गरीब और विकलांग को बेघर कर बना मॉल – अब जिंदगी और मौत से जूझ रहा तारा सोनी!
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गरीब और विकलांग को बेघर कर बना मॉल – अब जिंदगी और मौत से जूझ रहा तारा सोनी!
प्रशासन की वादाख़िलाफ़ी, परिजन भी बने बेपरवाह – सवालों के घेरे में सत्ता और सिस्टम
बड़ी-बड़ी खबरों के बीच छूट जाती है छोटी महत्वपूर्ण खबरें जिनसे होता है जनता का सीधा सरोकार छोटी महत्वपूर्ण खबरें देखने के लिए देखते रहे डेंजर भारत 7000412524(तनुज पाराशर दादा भाई)

दमोह।विकास और आधुनिकता के नाम पर जब प्रशासन गरीबों पर बुलडोजर चलाता है तो यह सिर्फ़ ईंट-पत्थर का ढेर नहीं, बल्कि इंसान की ज़िंदगी, उसका आशियाना और उसका सहारा भी तोड़ देता है। दमोह जिले के सिविल वार्ड 2 में बने बहु-मंजिला मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के लिए 9 माह पहले प्रशासन ने गरीब परिवारों को उजाड़ दिया, और आज उसी में से एक बेघर वृद्ध तारा सोनी मौत से जूझ रहा है।

राजनीतिक रसूख और पैसे की ताकत के आगे बेबस प्रशासन
लोगों का आरोप है कि मॉल मालिक के राजनीतिक रसूख और पैसे की ताकत की वजह से ही यह मॉल खड़ा हुआ है। नियम-कायदों को ताक पर रखकर बना यह मॉल, जिसकी एंट्री-एग्जिट से लेकर निर्माण तक पर सवाल उठे, उसे प्रशासन ने महज़ 4 महीने के लिए स्टे देकर फिर राहत दे दी। वही प्रशासन जिसने गरीब और लाचार परिवारों के घर तोड़ दिए, मॉल मालिक के सामने बेबस नज़र आया।

बेघर होने के बाद कई बार कलेक्टर के दरवाजे पर पहुंच कर लगाई गुहार! इसके बाद दिन प्रतिदिन बिगड़ा स्वास्थ्य!
बेघर होकर तारा सोनी की टूटी सांसें
75 वर्षीय तारा सोनी, जो पहले से विकलांग थे, घर टूटने के बाद से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। 9 महीने से उनकी सेवा कर रहे समाजसेवी परसू चौबे बताते हैं

“कलेक्टर से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगाई, लेकिन तारा सोनी को कोई मदद नहीं मिली। आज हालत यह है कि वह जिला अस्पताल के ICU में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। परिजन भी आगे नहीं आ रहे।”

सोशल मीडिया पर परसू चौबे ने उनके परिजनों की तलाश में पोस्ट तक करनी पड़ी, लेकिन कोई सामने नहीं आया।
सिस्टम पर उठ रहे बड़े सवाल
क्या प्रशासन सिर्फ़ ताक़तवर और पैसे वालों के लिए ही काम करता है?
गरीबों को बेघर करने का वादा करने के बाद भी क्यों नहीं दी गई मदद?
अगर तारा सोनी की मौत होती है तो ज़िम्मेदार कौन होगा – प्रशासन, मॉल मालिक या वो सिस्टम जो गरीबों को सिर्फ़ आंकड़ों में देखता है?

जनता का आक्रोश – हाईकोर्ट में भी मामला
मॉल की अवैधता को लेकर लोगों ने जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी किया है। लेकिन सवाल यह है कि कोर्ट के फैसले का इंतज़ार करते-करते कहीं एक और गरीब इंसान अपनी जिंदगी न हार दे।

Danger Bharat News की अपील:
प्रशासन तुरंत तारा सोनी के इलाज और पुनर्वास की जिम्मेदारी ले। अगर उनके परिजन सामने नहीं आते तो उनकी अंतिम यात्रा तक की ज़िम्मेदारी भी प्रशासन को निभानी चाहिए
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