दमोह में पटाखा गोदामों की जांच शुरू – क्या नियमों का पालन हो रहा है?
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दमोह में पटाखा गोदामों की जांच शुरू – क्या नियमों का पालन हो रहा है?
दमोह।पिछले वर्ष दमोह शहर के बीचों-बीच घंटाघर से महज़ 500 मीटर की दूरी पर चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण ब्लास्ट को भुलाया नहीं जा सकता। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी। चौंकाने वाली बात यह रही कि फैक्ट्री में गरीब घर की महिलाओं और नाबालिग बच्चियों से बंधक बनाकर पटाखे बनवाए जा रहे थे। हादसे के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई का दावा किया और जिले में पटाखा व्यवसायियों के 33 लाइसेंस निरस्त कर दिए थे।


उस दौरान दमोह शहर के 14-15 दुकानदारों के लाइसेंस भी इसलिए रद्द हुए क्योंकि उनके गोदामों में गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं – जैसे छत की ऊँचाई पर्याप्त न होना, वेंटिलेशन का अभाव, और सुरक्षा दूरी का पालन न करना।


अब एक साल बाद वही दुकानदार दीपावली के मद्देनज़र फिर से अपने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन कर रहे हैं। इसी सिलसिले में आज डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और CSP एच आर. पांडे ने गोदामों का निरीक्षण किया।

पटाखा गोदाम से जुड़े मुख्य नियम 2008 के अनुसार
दूरी
दो गोदामों के बीच कम से कम 15 मीटर की दूरी।
यदि 500 किलो से अधिक पटाखे स्टोर हों तो दूरी 50 मीटर होनी चाहिए।
निर्माण मानक
दीवारें पक्की ईंट/कंक्रीट की होनी चाहिए।
छत RCC की हो और मोटाई 6 से 12 इंच तक होनी चाहिए।
ऊँचाई
गोदाम की आंतरिक ऊँचाई कम से कम 10 फीट होनी चाहिए।
वेंटिलेशन व बिजली
पर्याप्त वेंटिलेशन होना चाहिए।
बिजली कनेक्शन फ्लेम-प्रूफ फिटिंग्स से हों।
सुरक्षा इंतजाम:
गोदाम के बाहर
पानी, रेत और अग्निशामक यंत्र हमेशा उपलब्ध हों।
गोदाम में आग से जुड़ी कोई भी वस्तु ले जाना सख्त मना।
फायदे नियमों के पालन के
जन-धन की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
आग/विस्फोट की संभावना कम हो जाती है।
लाइसेंस का नवीनीकरण सरल हो जाता है।
कानूनी कार्रवाई से बचाव होता है।

बड़ा सवाल
जानकारों का कहना है कि कई गोदामों में आज भी नियमों का पालन अधूरा है – कहीं छत की मोटाई 4 इंच से अधिक नहीं, तो कहीं 15 मीटर की दूरी का पालन ही नहीं। ऐसे में त्योहारों को देखते हुए प्रशासन जल्दबाजी में यदि लाइसेंस जारी करता है, तो यह एक और बड़े हादसे की नींव साबित हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि इस बार प्रशासन सख्ती दिखाता है या पिछली तरह लापरवाही करते हुए फिर से जनहानि का खतरा बढ़ाता है।
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