संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर दमोह में गूंजा राष्ट्रभाव — शस्त्र पूजन के साथ हुआ पथ संचलन
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दमोह। विजयादशमी के पावन पर्व पर महाकाली बस्ती में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमान राजीव जी अयाची एवं मुख्य वक्ता के रूप में दमोह जिला प्रचारक श्रीमान भईयन जी भाईसाब उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक विधि-विधान से शस्त्र पूजन के साथ किया गया।

मुख्य वक्ता भईयन जी भाईसाब ने अपने उद्बोधन में बताया कि डॉ. हेडगेवार जी ने वर्ष 1925 में मात्र 10-12 विद्यार्थियों के साथ खेल-खेल में राष्ट्र भाव जगाकर विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना की थी। आज वह छोटा सा संगठन विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन चुका है।
उन्होंने कहा कि संघ ने शून्य से लेकर शतक तक की यात्रा में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन एवं सेवा के माध्यम से समाज में वसुधैव कुटुंबकम् की भावना जागृत की है। आज संघ की एक लाख से अधिक शाखाएं देश के शहरों, ग्रामों, बस्तियों और मोहल्लों में संचालित हो रही हैं।

भाईसाब ने समाज परिवर्तन के लिए पंच परिवर्तन — पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी अपनाने, कुटुंब संरक्षण, सामाजिक सद्भाव और नागरिक कर्तव्यों के पालन — पर जोर देते हुए कहा कि इन मूल्यों को जीवन में अपनाकर हम राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकते हैं।

विजयादशमी पर आयोजित पथ संचलन कछयाना विद्यालय से प्रारंभ होकर नरसिंह मंदिर, बड़ापुल, महाकाली चौराहा, गौरीशंकर तिराहा होते हुए पुनः कछयाना विद्यालय में संपन्न हुआ। पूरे मार्ग में स्वयंसेवकों ने अनुशासन और एकता का परिचय देते हुए समाज में राष्ट्रीय चेतना का संदेश दिया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक, गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय बस्तीवासी उपस्थित रहे। संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में यह आयोजन विशेष रूप से किया गया, जिसमें राष्ट्रभक्ति और संगठन के आदर्शों की गूंज पूरे क्षेत्र में सुनाई दी।
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