आबकारी विभाग की नाकामी से बढ़े अपराध: सिटी कोतवाली क्षेत्र में शराबियों का आतंक, हथियारों से वार्डवासियों पर हमला
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दमोह में अवैध शराब का बढ़ता जाल बना अपराधों की जड़!
चैनपुरा में नशेड़ियों का आतंक, विरोध पर धारदार हथियारों से हमला – एक घायल, एक आरोपी गिरफ्तार
दमोह। शहर में गली–गली बिक रही अवैध शराब एक बार फिर बड़े विवाद की वजह बनी है। प्रशासन और आबकारी विभाग की लापरवाही का खामियाज़ा अब सीधे आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। बुधवार सुबह चैनपुरा बजरिया वार्ड नंबर 5 में अवैध शराब के नशे में धुत लोगों का उत्पात पूरे क्षेत्र में दहशत फैलाने वाला रहा। यह घटना साफ बताती है कि शहर में फैल रहे अवैध शराब के नेटवर्क को रोकने में विभाग पूरी तरह नाकाम रहा है।
वार्ड में रहने वाले रज्जाक, जग्गू, बाबू लंगड़ा, मोहम्मद खान और टुंडा पर आरोप है कि ये लोग रोजाना शराब पीकर गाली–गलौज, धमकी और मारपीट करते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आसपास ही कन्या शाला स्कूल है, जहां रोज दर्जनों बच्चियां गुजरती हैं, जिसके चलते ये लोग पहले भी कई बार इनके नशे और उत्पात का विरोध कर चुके हैं। लेकिन बुधवार को जब दोबारा इन्होंने हंगामा मचाया, तो वार्डवासियों के विरोध पर आरोपियों ने चाकू और धारदार हथियारों से हमला करने की कोशिश की।

इस दौरान पवन पटेल के हाथ में कैंचा लगने से वह घायल हो गया।
घटना यहीं नहीं रुकी। हमला करने के बाद आरोपी घरों तक पहुंच गए और महिलाओं के साथ गाली–गलौज करते हुए हथगोले जैसे हथियार दिखाकर जान से मारने की धमकी देने लगे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ, जिससे पूरे शहर में रोष फैल गया।

सूचना मिलते ही एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के निर्देशन में कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और एक आरोपी को गिरफ्तार किया। बाकी आरोपियों की पहचान और तलाश के लिए CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। वार्डवासियों ने थाने में शिकायत दर्ज करवाकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अवैध शराब बन रही अपराधों की मुख्य वजह
दमोह में बढ़ते अपराधों का सीधा संबंध गली–गली मिल रही अवैध शराब से जोड़ा जा रहा है। अवैध शराब के कारण नशेड़ियों का आतंक बढ़ रहा है, और वार्डों में मारपीट, चाकूबाजी व विवाद की घटनाएं आम हो गई हैं।

हाल ही में किल्लाई नाका क्षेत्र में भी पान दुकान से अवैध शराब पकड़ाई थी।इस के बावजूद आबकारी विभाग अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय शासकीय ठेकेदारों को ही परेशान कर रहा है। शहर में खुलेआम हो रही अवैध शराब की बिक्री न केवल अपराध बढ़ा रही है, बल्कि सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये का राजस्व नुकसान भी पहुँचा रही है।

अब सवाल यह है कि कलेक्टर और आबकारी विभाग के सामने लगातार शिकायतें और वायरल लिस्टें पहुंचने के बावजूद भी आखिर कब तक अवैध शराब माफिया बेखौफ रहेंगे?
क्या चैनपुरा जैसी घटनाएं प्रशासन को जगाने के लिए काफी नहीं हैं?
दमोह की जनता अब कड़े एक्शन की मांग कर रही है, ताकि बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके और शहर को अवैध शराब के कहर से मुक्ति मिल
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