डॉक्टर संगतानी कि निजी क्लीनिक में मरीजों के साथ की जा रही लापरवाही से मरीजों की जान को है खतरा! डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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दमोह जिलेके प्रसिद्ध डॉक्टर संघतानी के निजी क्लीनिकपर मरीजों के साथ की जा रही लापरवाही के चलते मरीजों में कोविड-19 का खतरा बना हुआ है पूरी दुनिया के लोगों को डॉक्टर द्वारा कोविड-19 के बारे में बताया जा रहा है की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और सार्वजनिक स्थानों पर मार्क्स लगाना अनिवार्य है हाथ ना मिलाएं और थोड़ी थोड़ी देर में हाथों को धोए कोविड-19 से बचने के मात्र यही उपाय अभी तक डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए हैं जिसका पालन दमोह जिले के डॉक्टर संघतानी अपने स्टाफ को नहीं सिखा पा रहे हैं 2 दिन से लगातार खबरें आ रही थी की संघतानी के निजी हॉस्पिटल के मरीजों द्वारा इनके हॉस्पिटल के कर्मचारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है और ना ही उनके स्टाफ के कुछ कर्मचारी मार्क्स लगा रहे हैं मरीजों से पहला परिचय हॉस्पिटल की रिसेप्शन स्टाफ से होता है !
हमारे कैमरामैन द्वारा जब हॉस्पिटल की जांच की गई तो रिसेप्शन पर मौजूद स्टाफ मार्क्स नहीं लगाए हुए था महिला से जब पूछा कि आप मार्क्स क्यों नहीं लगाए हुए तो वह अपने बचाव में झूठ बोलती नजर आई उन्होंने बोला कि मैं अभी पानी पीने गई थी तब से नहीं लगाया है और मुझे मार्क्स लगाने से सफोकेशन भी होती है और एलर्जी भी है मैडम की बातें सुनकर कहीं से भी उन्हें अपनी गलती का एहसास नजर नहीं आ रहा था कि वह एक जिम्मेदार पद पर हैं उन्हें लोगों को कोविड-19 से बचने के सुझाव देना चाहिए जबकि वही प्रशासन की दी गई गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाती देखी गई मैंने डॉक्टर से उनकी शिकायत हेतु संपर्क किया तब डॉक्टर भी अपने स्टाफ का बचाव करते नजर आए एक बार भी उन्होंने अपने स्टाफ को यह समझाइश नहीं दी कि सरकारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए हमें मरीजों के कांटेक्ट में आना है! डॉक्टर द्वारा जब अपने स्टाफ का फेवर किया गया तब मैंने डॉक्टर को पूरी बात बताई कि हमारे पास आपकी हॉस्पिटल के मरीजों द्वारा बताया जा रहा है कि कोरोनावायरस काल में आपके स्टाफ द्वारा लापरवाही की जा रही है जिसकी परिणाम हम मरीजों को भुगतने पड़ सकते हैं अगर आपको हमारी बात पर विश्वास नहीं है तो आप अपने हॉस्पिटल की सीसीटीवी चेक कर देख सकते हैं कि यह कब से मार्क्स नहीं लगाए हुए हैं! जागरूक जनता की आवाज बनते हुए अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करते हुए मैं समाचार लगा रहा हूं मैं जानता हूं इस वक्त डॉक्टरों द्वारा देश की बड़ी सेवा की जा रही है मेरा मकसद डॉक्टर के खिलाफ नहीं है लेकिन
डॉक्टरके स्टाफ द्वारा की गई लापरवाही भी उजागर करना हमारा काम है अगर ऐसी लापरवाही उजागर नहीं की गई और प्रशासन ने इस पर कार्यवाही नहीं की तो आज दमोह जिला जो कोविड-19 से बचा हुआ है इनकी वजह से जिले के बाहर से आ रहे मरीजों द्वारा इनकी अस्पताल को कोरोना संक्रमण हो सकता है जिससे यह अस्पताल कोविड-19 का केंद्र बन सकता है
प्रदेश के कई जिलों से लुक छिप कर आए लोग कोविड-19 के संक्रमित हो सकते हैं जिन्हें प्रशासन द्वारा कोरन टाइम का डर होने के कारण वह लोग ऐसे प्राइवेट अस्पतालों का इस्तेमाल कर सकते हैं यही वजह है कि इन प्राइवेट अस्पतालों को भी सतर्कता से काम करना चाहिए ताकि इनके मरीजों की जान संकट में ना आए और दमोह में कोविड-19 की चैन ना बन सके
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