लॉक डाउन को भी बनाया ऊपरी कमाई का नया साधन जैन श्री कंप्यूटर पर बनाए जा रहे थे आवागमन के पास| डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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लॉक डाउन को भी बनाया ऊपरी कमाई का नया साधन जैन श्री कंप्यूटर पर बनाए जा रहे थे आवागमन के पास| डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर

जी हां मैं बात कर रहा हूं अपने गृह जिले दमोह की यहां पर एक जैन श्री कंप्यूटर के यहां पर महज 2 घंटे में दिए जा रहे थे आवागमन के लिए पास एक और जनता जब से कोविड-19 संक्रमण फैला है तब से कई राज्यों में और कई अपने ही राज्य में फसे हुए हैं उन्हें अपने घर आने के लिए आवागमन के लिए प्रशासन से मंजूरी नहीं मिल रही है कई आवेदन तो यह कहकर रिजेक्ट कर दिए गए कि तुम्हारा रीजन सही नहीं है क्या दिक्कत है तुम्हें यहां पर और एक तरफ पैसे वालों के लिए यह कोई समस्या की बात नहीं है ₹5000 दो और जहां जाना चाहते हो वहां की आने जाने की परमिशन मात्र 2 घंटे में मिल जाती है ऐसा ही एक मामला दमोह में सामने आया जैन श्री कंप्यूटर के सचिन जैन द्वारा एक व्यक्ति से आवेदन करना है तो ₹100 लगेंगे और अगर मंजूरी चाहिए है तो ₹5000 लगेंगे और 5000 मिलते ही मंजूरी के कागज भी मात्र 2 घंटे में हाथ में थमा दिए गए इस मामले का खुलासा दमोह के युवा नेता मोंटी रैकवार द्वारा किया गया मोंटी रैकवार द्वारा एक लिखित शिकायत डिप्टी कलेक्टर को भी की गई और

उस व्यक्ति की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी डिप्टी कलेक्टर को सुनाई गई और जांच कर कार्रवाई की मांग की गई ऐसे व्यक्तियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए जो गरीबों का हक मारकर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पैसे वालों को मंजूरी दिला रहे हैं पैसा लेकर लेकिन गरीब पैसा नहीं दे सकता तो वह वही फंसा रहेगा चाहे उसके पास खाने के लिए हो या ना हो अमीर तो अमीर है उसके जेब में तो पैसा है वह खा भी सकता है कहीं भी रहे और मनचाही जगह जा भी सकता है क्योंकि उन्हें इन जैसे दलालों का साथ मिला हुआ है
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