प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी नाजायज मांगों को लेकर जिला कोतवाली का घेराव किया! बैठे धरने पर खुद ही उठे धरने से! डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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बात दमोह जिले की है प्रशासन द्वारा सभी को बीते 2 दिन पहले ही समाचार के माध्यम से अवगत कराया गया कि 7:30 बजे तक दुकानें खुलेगी 8:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक कर्फ्यू रहेगा इसके बावजूद भी कल रात 9:30 तक दुकानें खुली रहीं इसी बात को संज्ञान में लेते हुए आज प्रशासनिक अमला शक्ति के मूड में नजर आया
7:30 से अधिक समय तक खुली दुकानों पर की गई कार्यवाही का कुछ व्यापारियों ने विरोध किया और नायब तहसीलदार से बहस बाजी भी की उसके बाद कुछ व्यापारियों द्वारा थाने का घेराव किया पुलिस भी मजबूर थी सत्ता पक्ष के व्यापारी होने के कारण करीब 3 घंटे तक थाने का घेराव किए रहे व्यापारियों द्वारा अपर तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी के साथ नायब तहसीलदार को हटाने की मांग की गई जिसे प्रशासन द्वारा उनकी कोई भी मांगे नहीं मानी गई सोशल मीडिया पर नायब तहसीलदार से बहस करते व्यापारी भी दिखाई दिए यह एक जांच का विषय है की कौन गलत है और कौन सही है उसके बाद
कार्यवाही के लिए व्यापारी जांच में शामिल होंगे और खुद ही थाने का घेराव धरना खत्म कर अपने अपने घर चले गए! लेकिन सोचने वाली बात यह है 3 घंटे थाने को बंधक बनाने वाले व्यापारियों पर पुलिस द्वारा कोई भी बल प्रयोग नहीं किया गया जबकि व्यापारियों द्वारा 188 के अंतर्गत सभी व्यापारी समूह में दिखाई दिए सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई उसके बावजूद भी पुलिस द्वारा संयम का परिचय क्यों दिया गया यह तो समय ही बताएगा! व्यापारी एकता की बात करने वाले व्यापारी
स्वयंभू अध्यक्ष बन कर एवरेस्ट लाश के सामने के कुछ व्यापारियों को लेकर स्वयंभू व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष बन बैठे जिसका विरोध महा व्यापारी संघ के पुराने कार्यकर्ताओं द्वारा आज किया गया शायद यही वजह थी कि अपनी ताकत दिखाने के उद्देश्य से प्रशासन पर दबाव बनाया गया !क्या पुराने व्यापारी महासंघ की कार्यकारिणी के सदस्यों ने इस बात का विरोध जताया कि यह महासंघ के अध्यक्ष बने है यह स्वयंभू हैं इन्हें इनकी कार्यकारिणी या इनके पद की घोषणा में जिले के कई व्यापारी संगठनों के अध्यक्षों को नहीं बुलाया गया ना ही उनका समर्थन हासिल किया गया पुराने व्यापारी महासंघ मैं उस वक्त के कार्यकारी अध्यक्ष के अलावा कोई भी शामिल नहीं हुआ कार्यवाहक अध्यक्ष तब बनाया जाता है जब अध्यक्ष कुछ समय के लिए बीमार हो या कहीं बाहर गए हुए हो उनकी अनुशंसा पर नए व्यापारी महासंघ का अध्यक्ष नहीं चुना जा सकता ऐसा कहना है पुरानी व्यापारी महा संघ की कार्यकारिणी के सदस्यों का
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