परंपरागत स्थान की जगह दूसरी जगह जाने को है लोग मजबूर क्या वजह थी कि आज कैदो की तलैया में कजलियां नहीं दिखाई दिए! डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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परंपरागत स्थान की जगह दूसरी जगह जाने को है लोग मजबूर क्या वजह थी कि आज कैदो की तलैया में जवारे नहीं दिखाई दिए! डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
दमोह जिले में केदो की तलैया जोकि रानी दुर्गावती स्कूल के पीछे है यहां पर प्राचीन राम मंदिर के साथ ब्रह्मदेव शिव पार्वती का मंदिर है देश की आजादी से पहले से इस

तलैया में परंपरा अनुसार हिंदू मान्यता के रीति-रिवाजों से कजलियां विसर्जन के बाद इस क्षेत्र के मंदिर और देवी-देवताओं पर कजलियां चढ़ाने का महत्व है !और इस तलैया में नवरात्रि के जवारे विसर्जन का भी महत्व है इसी तलैया के दूसरे घाट पर ताजिया विसर्जन का भी महत्व है ऐसी महत्वता वाले तालाब की! साल में कई बार साफ सफाई होती है और नगर पालिका द्वारा लाखों रुपए झोंक

दिए जाते हैं उसके बावजूद भी आज इस तालाब पर कजलियां विसर्जन नहीं की जा सकी इस तालाब के एक भी घाट पर त्योहार के मद्देनजर साफ सफाई नहीं कराई गई यही वजह थी कि आज इस महत्वपूर्ण तालाब पर कजलियां का त्यौहार नहीं मना पाए लोगों में नाराजगी देखी गई!

केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रह्लाद सिंह पटेल के संसदीय क्षेत्र में प्राचीन सभ्यताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है इससे ज्यादा गंभीर बात क्या हो सकती है
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