आजादी के बाद देश में पहली बार किसी महिला को मिलेगी फांसी! डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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भारत को आजादी मिलने के बाद देश में पहली बार किसी महिला को उसके आपराधिक गतिविधि मैं लिफ्ट पाए जाने के लिए फांसी की सजा दी जाएगी. इसके लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. अमरोहा की रहने वाली शबनम को मौत की सजा दी जाएगी. निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद दो बार फांसी घर का निरीक्षण भी कर चुके हैं!
इस मामले अमरोहा कोर्ट में दो साल तीन महीने तक सुनवाई चली थी. जिसके बाद 15 जुलाई 2010 को जिला जज एसएए हुसैनी ने शबनम और सलीम को तब तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए तब तक उनका दम न निकल जाए का फैसला सुनाया!

यह मामला साल 2008 का है जब अमरोहा की रहने वाली शबनम महिला ने अप्रैल महीने में प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है!

इसके बाद शबनम ने राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई लेकिन अब राष्ट्रपति भवन ने भी उसकी दया याचिका को खारिज कर दी है यही वजह है कि आजाद भारत के इतिहास में शबनम पहली ऐसी महिला होगी जिसे फांसी की सजा दी जाएगी!

शबनम की फांसी के लिए पवन जल्लाद दो बार फांसीघर का निरीक्षण कर चुके हैं. उन्हे तख्ते के लीवर में जो कमी दिखी उसे जेल प्रशासन ने ठीक करवा दिया गया है. फांसी देने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है ताकि कोई अड़चन ना आए
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