पश्चिम त्रिपुरा जिले के IAS शैलेष कुमार यादव की तर्ज पर दमोह जिले में भी! परमिशन के बावजूद भी कार्यवाही जारी!
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फल सब्जी वालों को भी नहीं बख्श रही पुलिस..
दमोह। लगातार बढ़ते कोविड-19 केसों को ध्यान में रखकर राज्य शासन के दिशा निर्देशों के मद्देनजर दमोह जिले में भी जिला मजिस्ट्रेट तरुण राठी ने कोरोना कर्फ्यू को 8 मई की सुबह 6 बजे तक के लिए बढ़ा दिया है। उल्लेखनीय है कि दमोह विधानसभा उपचुनाव के बाद 19 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू जारी हुआ था जिसको लगातार दस दिन हो चुके है। कर्फ्यू के दौरान हाथ ठेला पर सुबह शाम घूमकर फल सब्जी आदि बेचने की छूट दी गई थी। लेकिन कुछ स्थानों पर पुलिस के द्वारा फल सब्जी वालों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। यहां तक कि कोतवाली लाकर गरीब फल वालों पर 200-200 जुर्माने की कार्यवाही की जा रही है। ऊपर से 188 के तहत मामला दर्ज करने की चेतावनी भी दी जा रही है। लघु व्यापारी संघ ने इस तरह की मनमानी कार्रवाई को अनुचित बताते जल्द कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात कहीं है।
रोज रोज कमाने खाने वाले वर्ग के रोजगार की अनदेखी.. इधर लगातार बढ़ते कोरोना कर्फ्यू की बजह से रोज कमाने खाने वाले गरीब तथा मध्यम वर्ग के समक्ष भूखों मरने की नौबत आ गई है। क्योंकि किसी भी गरीब के घर में ना तो 10 दिन या 10 दिन से अधिक का किराने का सामान होता है और ना ही अन्य जरूरी सामग्री। सरकार भले ही गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को खाद्यान्न निशुल्क दे रही हो लेकिन सभी जगह यह खाद्यान्न का वितरण भी अभी तक नहीं हो सका है। वही अकेले खाद्यान्न को बिना सब्जी भाजी के कोई कैसे खा सकता है इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। सबसे खराब हालत मध्यमवर्गीय लोगों की है क्योंकि इनको ना तो गरीबी रेखा के नीचे का मुफ्त खाद्यान्न मिल पा रहा है और ना ही काम धधा बंद होने की वजह से रोजगार मिल पा रहा है ऐसे में शासन प्रशासन को ऐसे लोगों की मदद की और भी अब ध्यान देना चाहिए। क्योंकि जिले में कोरोना कर्फ्यू की तारीख 8 मई मुकर्रर कर दी गई है और इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
पश्चिमी त्रिपुरा जिले में एक शादी समारोह था। रात को जिला कलेक्टर IAS शैलेष कुमार यादव दल बल के साथ मैरिज हॉल पहुंचे और कोरोना की गाइडलाइन का उल्लंघन करने का हवाला लेते हुए दूल्हा, पंडित व अन्य लोगों को पीट डाला और मैरिज हॉल को सील करवा दिया। जब की परिवार द्वारा कानून का पालन करते हुए परमिशन के साथ शादी विवाह किया जा रहा था! ऐसा ही हाल दमोह में मचा हुआ है दमोह कलेक्टर द्वारा जब हाथ ठेले पर सब्जी और फल की फेरी लगाने की परमिशन है ताकि घरों में कैद लोगों को फल और सब्जी मिल सके और घरों में कैद रहने वाले लोगों को कोई अव्यवस्था ना हो और वह लोग सब्जी भाजी के लिए घरों से बाहर ना निकले!
रोज कमाने रोज खाने बाले व्यक्ति अपनी जान को हथेली पर रखकर लोगों को सब्जी भाजी घर घर पहुंचा रहे हैं और पुलिस की लाठियां भी खा रहे हैं उसके बावजूद भी कानून का पालन करने वाले हाथ ठेला पर सब्जी बेच रहे लोगों को उनके हाथ ठेले के साथ थाने ले जाकर 188 की धमकी देते हुए जेल में भेज देने की बात कर रही है और जब इस संबंध में कलेक्टर से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि रेहड़ी पटरी वालों को जो सब्जी और फल की फेरी लगा रहे हैं उन पर 188 की कार्रवाई जायज नहीं है तब नगर पालिका के अधिकारियों को थाने में ही बिठा कर उन पर मार्क्स ना लगाने का बोलकर कानून के तहत दो सो 200 का जुर्माना काटे जा रहे हैं जबकि बगैर मार्क्स पाए जाने पर तत्काल ही नगरपालिका को बाजार में मिलने वाले लोग या फेरी लगाने वालों पर तत्काल ऑन द स्पॉट कार्यवाही करने का नियम है नगर पालिका के अधिकारी थाने में पंखे और छांव में बैठकर पुलिस की मदद से लोगों को पहले थाने लाया जा रहा है फिर 188 की धमकी देकर कम से कम में निपटाने के लिए नगरपालिका के अमले की मदद से 200 का चालान काटा जा रहा है
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