दमोह उपचुनाव मे प्रत्याशी राहुल सिंह ने पूर्व मंत्री और उनके पुत्र को हार की वजह बताया!
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दमोह उपचुनाव मे प्रत्याशी राहुल सिंह ने पूर्व मंत्री और उनके पुत्र को हार की वजह बताया!
दमोह उपचुनाव के प्रत्याशी राहुल सिंह ने कल अपनी हार की वजह बताते हुए कहा कि जयंत मलैया जी को प्रभार दिया गया था और उन्हीं के वार्ड से हार गए जयंत मलैया जी से हमारी बात हुई थी उन्होंने कहा था कि बड़ा मलहरा की तरह जीत के बाद आप यह मत कह देना कि मैंने काम नहीं किया तब मैंने कहा था कि एक एक वार्ड आपके

काम करने की गवाही देगा जो कि आज दिखाई दिया कि ऐसा कोई वार्ड नहीं है जहां आपने काम किया हो और जहां से पार्टी जीती हो अगर वाडो से जीतते तो काम दिखाई देता है और अगर हारते हैं तो भी दिखाई देता है उनके पुत्र को नगर की जिम्मेदारी दी गई थी जबकि नगर की हर पोलिंग से हारे हैं इससे यह स्पष्ट दिखाई देता है कि कितना काम किया है। हार की कई वजह भी हो सकती है लेकिन सोचने वाली बात तो यह भी है कि जिले में जब तक प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के बड़े-बड़े नेता बने रहे तब तक पार्टी एकजुट दिखाई देती रही उनके जाते ही 2 दिन में वोटिंग के वक्त भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ता अलोप हो गए जिससे विपक्ष को भरपूर मौका मिला विपक्ष को कोई रोकने टोकने वाला दिखाई नहीं दिया नाही लोगों को अपनी पार्टी के फेवर में घर से निकलवाने की जिम्मेदारी किसी ने निभाई!

खेला होवे और ईवीएम मशीन पर सवाल उठाने वाले आज सोशल मीडिया पर आकर क्यों नहीं बोल रहे हैं कि ईवीएम मशीन सही है और खेला नहीं होवे– पैसा भी नहीं बांटा गया है! पश्चिम बंगाल और दमोह उपचुनाव में अगर इनके मुताबिक चुनाव परिणाम नहीं आते तो यह सभी खेला होता और ईवीएम खराब है और पैसा बांटा गया जैसे इल्जाम को लेकर सोशल मीडिया पर हाय तौबा मचा रहे होते!

सभी आज यह सवाल पूछने वाले क्यों चुप हैं सोशल मीडिया पर आकर कहना चाहिए कि दमोह और पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रक्रिया चुनाव आयोग के कानून के मुताबिक हुई है !अगर यह आज सामने आकर स्वीकार नहीं करते तो उनसे भी सवाल पूछना बनता है कि आपके मुताबिक अगर चुनाव परिणाम नहीं आते तो संवैधानिक व्यवस्थाओं पर सवाल उठाने का आपको क्या हक है!
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