राजश्री की एजेंसी द्वारा की जा रही दमोह में कालाबाजारी ।पर बोरी पर कमा रहे ₹1000, दुकानदार500 और 500 एजेंसी वालों में हो रहा है बंदरबांट।
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राजश्री की एजेंसी द्वारा की जा रही दमोह में कालाबाजारी ।पर बोरी पर कमा रहे ₹1000, दुकानदार500 और 500 एजेंसी वालों में हो रहा है बंदरबांट।
दमोह जिले में बढ़ रहे कोरोना के केसों को देखते हुए सभी जमाखोरों को लगता है कि यह सीजन है पैसा कमाने का यही वजह है कि सभी दुकानदार इस समय लॉकडाउन की सुगबुगाहट के बीच भरपूर मात्रा में राजश्री रख रहे हैं ताकि लॉकडाउन के समय इस जमाखोरी से लाखों रुपए आमदनी कर सके और लोगों को जमकर लूटा जा सके राजश्री की दमोह में एजेंसी के मालिक आकाश जैन द्वारा कुछ गिने-चुने अपने दुकानदारों को ही एजेंट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि एजेंसी का मतलब होता है कि आप सभी को बराबर से माल दें लेकिन शहर के कुल 6 दुकानदारों को ट्रकों बंदी राजश्री पहुंचाई जा रही है तो किसी को एक बोरी भी नसीब नहीं हो रही है इसमें भी इनके दुकानदारों द्वारा रेट तय किए जाते हैं एजेंसी से जिसमें जो राजश्री बाजार में 18800 की मिलनी चाहिए वह बोरी आज ₹19700 की मिल रही है जिसमें ₹1000 अतिरिक्त लिए जा रहे हैं इन 6 दुकानदारों से इन्हें दुकानदारों द्वारा और इनका आधा कमीशन एजेंसी वाले को जा रहा है लोगों का यह कहना है और इस एजेंसी से किसी को भी माल नहीं दे रहे हैं इसकी जांच करने जब हम पहुंचे तो हमसे भी यही कहा गया कि हम एजेंसी से माल नहीं देते हमारे यह दुकानदार हैं इनके यहां से माल ले लें इससे यह स्पष्ट है कि लोग सच कह रहे हैं कि एजेंसी द्वारा कालाबाजारी करवाई जा रही है इस कालाबाजारी का अगर आपको आंकड़ा बताएं तो अगर एक बोरी पर हजार रुपए कमाए जा रहे हैं तो दमोह जिले में कम से कम 500 बोरी प्रतिदिन बिकती है
500*1000=500000 की कमाई कर रहे हैं
इस हिसाब से इनकी दिन की कमाई का अंदाजा आप खुद जान सकते इस ₹500000 की एक्स्ट्रा कमाई का आधा हिस्सा एजेंसी मालिक और आधा दुकानदार उठा रहे हैं यह पांच लाख की राशि तो महज एक आप को समझाने के लिए है इनका फायदा इससे भी अधिक हो रहा है एजेंसी द्वारा इन 6 दुकानदारों को ही राजश्री दी जा रही है इनके नाम है अमर आहूजा नगर पालिका रिंकू राय बजरिया घनश्याम मखीजा नीलम ट्रेडर्स टॉकीज रोड कटनी पान मसाला पान मंडी विनोद डोडेचा बाराद्वारी और यह सभी दुकानदार भी जीएसटी का पक्का बिल नहीं दे रहे हैं!यह खबर अखबारों में आने के बाद अब देखना होगा पुलिस प्रशासन इस ओर कब तक ध्यान देता है और जुए सट्टे से ज्यादा कमाई कर रहे व्यापारियों पर कब तक पुलिस की गाज गिरती है!
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