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भू माफियाओं पर कार्यवाही करनी पड़ी शासन प्रशासन के लोगों को भारी अब प्रशासन के अधिकारियों पर गिरेगी ट्रांसफर की गाज।

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दमोह में चयनित हुई सीएम राइम्स राइस स्कूल के लिए भूमि…
पर भू माफियाओं से खाली कराना प्रशासन के लिए चुनौती….
दमोह।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना सीएम राइम्स राइस स्कूल जिले में भी प्रारंभ हो चुकी है। प्रारंभिक तौर पर इसे अन्य शालाओं के भवनों में ही संचालित करने की योजना है, लेकिन इसके साथ ही इसके लिए तय मापदंडों और सुविधाओं से युक्त भवन भी निर्माण कराया जाना है। योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन ने इसके लिए जमीन को भी चयनित कर लिया है, लेकिन शासन के द्वारा चयनित शासकीय जमीन से दबंगों रसूखदारों, और भूमाफियाओं का कब्जा हटाना प्रशासन के लिए चुनौती भरा नजर आ रहा है।

जबलपुर सागर बाईपास पर चयनित जमीन
सूत्र बताते हैं की योजना के तहत स्कूल भवन निर्माण के लिए पर्याप्त भूखंड प्रशासन को मिल चुका है और जबलपुर सागर बाईपास पर करीब साढ़े 4 एकड़ का भूखंड ऐसा है, जो शासकीय जमीन होने के साथ इस कार्य के लिए पूर्णतः उपयुक्त भी है। इसके अलाबा भूखंड पर दो रास्ते भी प्रशासन को मिलते हैं जिससे स्कूल में आने वाले छात्रों को और भी सुविधा होगी।

कार्यवाही के साथ ही मिलने लगी चुनौतियां
हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस योजना के तहत स्कूल निर्माण का कार्य जिले में जितना आसान लगता है उतना है नहीं..
क्योंकि एक तो नियत स्थानों पर इस तरह की जमीन शासन के पास नहीं है जिस पर स्कूल निर्माण हो सके, और यदि ऐसी जमीन जहाँ है वहाँ  राजनीतिक संरक्षण प्राप्त भूमाफियाओं का कब्जा है। जिसके चलते प्रशासन इनके आगे बेवस नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार चयनित जमीन के काफी बड़े हिस्से पर भूमाफिया कब्जा किए हुए है, जिसके चलते प्रशासन को कार्यवाही शुरू करते ही इनके विरोध का सामना करना पड़ा और अब कार्यवाही में जुटे अधिकारी ही इनके निशाने पर हैं।

हटाए जा सकते हैं अधिकारी
मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भरे मंच से भूमाफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की बात कहते हैं,साथ ही सीएम राइम्स राइस स्कूल भी उनकी ही महत्वकांक्षी योजना मानी जाती है। इसके बाद भी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कार्यवाही कर रहे अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। दरअसल जमीन पर कब्जा किए लोग सत्तारूढ़ दल से ही जुड़े बताए जाते हैं जिसके चलते अब महिला तहसीलदार डॉ बबीता राठौर के सिर पर स्थानांतरण की तलवार लटक गई है। सूत्रों की माने तो जल्द ही उन्हें यहां से हटा कर किसी अन्य जगह भेज दिया जाएगा, ताकि इस कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डाला जा सके।

ऐसे कैसे चलेगा काम
जिले में भू माफिया की जड़े इतनी गहरी है की आम इंसान इनसे लड़ने में ही असमर्थ दिखाई देने लगा है। ऐसे में उनकी आशा प्रशासन व शासन से होती है जो उनकी जमीन को भूमाफियाओं के चंगुल से मुक्त करा सकें। लेकिन सामने आए हालातों से लगता है कि जिले में अब आमजन की यह आशा भी टूट रही है, क्योंकि जहां एक और सत्तारूढ़ दल ही भूमाफियाओं का समर्थन करता हुआ दिखाई दे रहा है वहीं कार्यवाही करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों पर ही उल्टी कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। ऐसे में शायद ही कोई प्रशासनिक अधिकारी ऐसा हो जो भविष्य में आगे आकर कार्यवाही का प्रयास करें।
वही अब देखना होगा की पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पद चिन्हों पर चलकर बुलडोजर मामा के चरित्र में खुद को ढाल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इतने सक्षम होंगे कि वह अपनी ही पार्टी के नेताओं को रोक कर सही और इमानदार कार्यवाही को पूर्ण करा सकें।

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