दमोह जिले से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक के बाजारों में खुलेआम बिक रहे हैं सड़े-गले व कीड़े युक्त फल।
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दमोह जिले से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक के बाजारों में खुलेआम बिक रहे हैं सड़े-गले व कीड़े युक्त फल।
दमोह जिले से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक के बाजारों में खुलेआम बिक रहे हैं सड़े-गले व कीड़े युक्त फल, अगर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने जल्द ही इस मामले पर ध्यान नहीं दिया तो बरसात के मौसम में ऐसे फलों से होने वाली महामारी का कहर पूरे दमोह जिला एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी देखने को मिल सकता है।
| इस समय बरसात का मौसम चल रहा है,इस मौसम में फलों का राजा आम का सीजन भी चल रहा है| ऐसे में दमोह जिले से लेकर छोटे-मोटे बाजारों समेत, शहर के मोहल्लों गांव व गली तक में सड़े गले ,कीड़े पड़े आम चौक चौराहों पर बिक रहे हैं| आम ही नहीं आम के साथ कई अन्य प्रकार के सड़े गले फल भी बेचे जा रहे हैं , ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता न होने के कारण गरीब जनता सस्ते फल होने के कारण इन सड़े गले फलों को सस्ते में खरीद लेते है ,उसके बाद उनके बच्चे इन सड़े -गले फलों को खाकर बीमार हो रहे हैं और हजारों रुपए दवाओ में लगा रहे है| यही नहीं चौराहों पर बिकने वाले इन सड़े फलों में कीड़े भी पड़े हुए हैं|
सवाल यह उठता है आखिर यह सड़े गले फल बाजार में बिक कैसे रहे हैं| सरकार ने सबकी जिम्मेदारी नियुक्त कर रखी है ,आखिर इन सब कार्यों पर निगरानी रखने वाले फूड अधिकारी कर्मचारी कहां विलुप्त हो गए हैं| दमोह जिले के प्रमुख चौक चौराहों पर ऐसे ठेले खड़े देखे जा सकते हैं जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी शहर में इस तरह फलों के ठेलों पर कोई अंकुश नहीं लगा पा रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों का भला क्या होगा। जल्द ही अगर ऐसे सड़े गले फल बेचने वालों पर प्रशासन सख्त कार्यवाही नहीं करता तो बरसात में महामारी फैलने से कोई नहीं बचा सकता
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