दमोह जिले में नहीं है मासूम बच्चियां सुरक्षित। छेड़छाड़ से मना करने पर मनचले लड़की के भाई की हत्या तक कर देते है।
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दमोह जिले में नहीं है मासूम बच्चियां सुरक्षित। छेड़छाड़ से मना करने पर मनचले लड़की के भाई की हत्या तक कर देते है।
दमोह जिले में मासूम बच्चियां नहीं है सुरक्षित बीते कई दिनों से आए दिन मासूम बच्चियों से छेड़खानी एवं दुष्कर्म जैसी घटनाएं सामने आती रही है।जिस पर आरोपियों को कठोर कार्यवाही ना होने पर आरोपी कोई सबक नहीं ले रहे और यूं ही आए दिन मासूम बेटियों से छेड़छाड़ की घटना सामने आ रहीं है। अभी कुछ दिन पहले ही दमोह देहात थाना क्षेत्र में एक 4 साल की मासूम से दुष्कर्म का मामला सामने आया था। तो वही सिटी कोतवाली क्षेत्र में मनचले आशिक को अपनी बहन से छेड़छाड़ करने वाले युवक को समझाईस इतनी महंगी पड़ी की भाई की जान चली गई। ऐसी कई घटनाएं आए दिन देखने को मिल रही है।
कल बीती रात दमोह सिटी कोतवाली अंतर्गत एक मासूम बच्ची से आए दिन छेड़छाड़ करने वाले लोगों को जब बच्ची से छेड़छाड़ के लिए मना किया तो सुनील कोरी ओर उसके पूरे परिवार ने मासूम बच्ची के पूरे परिवार पर हमला कर बच्ची के पूरे परिजनों के हाथ पैर काट डाले बच्ची के भाई पिता और चाचा को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पर तीनों की हालत गंभीर बनी हुई है।
सिटी कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर संपूर्ण केस को विवेचना में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है। छेड़छाड़ के आरोप को पुलिस द्वारा गंभीरता से ना लेना ही गंभीर घटनाओं को जन्म देता जा रहा है। अब देखना होगा पुलिस इस मामले में क्या कार्यवाही करती है जिससे ऐसे मनचले आशिकों को सबक मिल सके।
दमोह एसपी को इस मामले में पीड़ित जल्दी ही ज्ञापन देगा और उचित कार्यवाही की मांग करेगा क्योंकि पीड़ित पक्ष से सभी लोग अस्पताल में थे एक मासूम बच्ची ही थी जो कम पढ़ी लिखी और छोटी थी जिसने जो मीडिया को बताया वही कोतवाली पुलिस को बताया लेकिन कोतवाली पुलिस ने उसकी मासूमियत और कम पढ़े लिखे होने के कारण वह बातें नहीं लिखी जो वह अपने ऊपर हुई छेड़छाड़ के बारे में बताया। पुलिस ने f.i.r. में मात्र 323 324 294 506 बी का मुकदमा कायम किया है जबकि पीड़ितों के घायल अवस्था के वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है जिसमें गंभीर चोटें दिखाई दे रही हैं उसके बावजूद भी पुलिस ने 326 का मुकदमा नहीं दर्ज किया मात्र 323 324 का मुकदमा दर्ज किया है जो महज छोटी सी धाराएं हैं जिनकी थाने से ही जमानत हो जाती है यही वजह है कि अपराधियों को इस तरह के कृत्य करने का हौसला मिलता है।
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