छत्रसाल यूनिवर्सिटी पर सवालिया निशान। सिटी कोतवाली 144 धारा का पालन कराने में सक्षम नजर नहीं आई।
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छत्रसाल यूनिवर्सिटी पर सवालिया निशान। सिटी कोतवाली 144 धारा का पालन कराने में सक्षम नजर नहीं आई।
आपको बता दें कि 2023 विधानसभा चुनाव में अब चंद महीने ही बाकी हैं जिसे देखते हुए हर राजनीतिक दल और हर नेता अपनी राजनीति चमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता यही वजह थी कि दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने जबलपुर नाका क्षेत्र कलेक्ट्रेट परिसर मैं 144 धारा लगाई गई थी। जिससे कलेक्ट्रेट क्षेत्र में किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन ना हो जिससे जाम की स्थिति निर्मित न हो और लोग परेशान न हो। और राजनीतिक कारणों से यहां पर कोई भी धरना प्रदर्शन ना करें। इसी क्षेत्र में पिछले कई दिनों तक कलेक्ट्रेट के गेट के बाहर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें कई लोगों ने अपनी राजनीतिक सहभागिता दिखाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर को अपना राजनीतिक अखाड़ा बना लिया था।
इसी वजह से इस क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई थी। दमोह सिटी कोतवाली का यह दायित्व बनता है कि 144 धारा क्षेत्र में कोई भी धरना प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। कल 2-4 नंबरों से फेल होने वाली छात्राएं सैकड़ों की संख्या में 144 धारा का उल्लंघन करते हुए दमोह कलेक्ट्रेट पहुंच गई जबकि यह सारी छात्राएं शहर में भ्रमण करते हुए सिटी कोतवाली की मौजूदगी में सिटी कोतवाली के सामने से ही कलेक्ट्रेट क्षेत्र में पहुंची थी।
छात्राओं की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने वाले लोगों पर सिटी कोतवाली ने भरोसा दिखाते हुए उन्हें 144 घोषित क्षेत्र तक जाने का मौका दिया। जिस वजह से जबलपुर नाका कलेक्ट्रेट के समीप घंटों जाम की स्थिति उत्पन्न हुई। पुलिस चाहती तो छात्राओं को कलेक्ट्रेट पहुंचने से पहले ही रोका जा सकता था और उनकी मांगें भी सुनी जा सकती थी। यही वजह है कि सिटी कोतवाली 144 धारा का पालन कराने में संक्षम नहीं दिखाई दी।
छत्रसाल यूनिवर्सिटी पर सवालिया निशान ?
दमोह के सभी कॉलेज पहले डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से संबंधित थे , लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते जबसे श्री महाराजा छत्रसाल यूनिवर्सिटी से जुड़े कमला नेहरू कॉलेज व पीजी कॉलेज सहित जिले के अन्य सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थी फेल किए जा रहे हैं।
जबकि निजी कॉलेज भी यहां से जुड़े हैं वहां के परिणाम सही आ रहे हैं । अब यहां सवालिया निशान उठ रहे हैं कि लाखों रूपए की मासिक पगार लेने वाले प्रोफेसर पढ़ाना भूल गए हैं या कम पगार पाने वाले निजी स्कूलों के प्रोफेसर अच्छी योग्यता रख रहे हैं । सिर्फ सरकारी कॉलेजों का रिजल्ट बिगड़ रहा है , जबकि सरकारी स्कूलों का रिजल्ट सुधर रहा है ,
जब छात्राओं ने परीक्षा कापी को दुबारा चेक करवाने के लिए जिला कलेक्ट्रेट जाकर शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन सौंपने की तैयारी की थी ।
लेकिन कुछ नए-नए बन रहे नेताओं के द्वारा पूरे प्रदर्शन को अपने काबू में कर प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय के मैन गेट से महाराणा प्रताप की प्रतिमा तक की रोड जाम करवा दी गई । वहीं कुछ युवाओं द्वारा छात्राओं के मुद्दे पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए रास्ता रोककर जाम लगाकर प्रदर्शन किया गया था । जिससे कार्यालय में आने जाने वाले लोगो को एवं राहगीरों को असुविधा हो रही थी ।
पुलिस सूत्रों के अनुसार कलेक्ट्रेट परिसर में धारा 144 का उल्लघंन करने वाले प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध थाना कोतवाली में विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है । फिलहाल आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं किया है ।
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