हरदा मे अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण ब्लास्ट मध्य प्रदेश के दमोह मे ऐसा ही भीषण हादसा हो चुका है उसके बाद भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
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हरदा मे अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण ब्लास्ट मध्य प्रदेश के दमोह मे ऐसा ही भीषण हादसा हो चुका है उसके बाद भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
मध्य प्रदेश के हरदा जिले में
अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण ब्लास्ट।
जिसमे कई लोगों की मौत हो जाने की जानकारी मिल रही है एवं कई लोग इस हादसे में घायल बताए जा रहे हैं!
फैक्ट्री के आसपास के 50 से ज्यादा घरों में आग लगने की भी जानकारी मिल रही है
धमाका इतना तेज था कि पूरा शहर दहल गया। घटना के समय यहां काम करने वाले करीब 30 लोगों का कोई पता नहीं!
सवाल तो यह है कि आखिर रहवासी इलाके में बारूद का भंडार कैसे किया गया था
पुलिस और प्रशासन को क्या इसकी जानकारी नहीं थी
इस अवैध पटाका फैक्ट्री को किसकी शह थी, जो प्रशासन ने अनदेखी की?
पुलिस और प्रशासन की अनदेखी और समय पर कार्यवाही ना करने की वजह से ही बारूद का इतना बड़ा जखीरा इकट्ठा हो सकता!
इस मामले में संबंधितों पर कार्रवाई होना चाहिए और सारे चेहरे बेनकाब किए जाएं! क्योंकि मध्य प्रदेश में पहले ही दमोह जिले में ऐसी ही भीषण दुर्घटना हो चुकी है जिसमें सात लोगों की जान गई थी लेकिन दमोह प्रशासन भी इस और उस घटना के बाद कोई ध्यान नहीं दे रहा है और क्षेत्रवासी आज भी ज्ञापन पर ज्ञापन दे रहे हैं लेकिन अवैध फटाका बेचने वालें धड़ल्ले से बीच बाजार पटाखे बेच रहे हैं जिस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है मानो दमोह प्रशासन फिर से कोई बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहा हो अब दमोह प्रशासन को भी चाहिए कि हरदा में हुए अवैध पटाखे के विस्फोट के बाद सीख लेते हुए ऐसी अवैध फैक्ट्रियों पर कार्यवाही करें और शहर के बीचों बीच विस्फोटक रखी हुए जो दुकानदार है उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाही करें और शहर के बीच में पटाखे बेचने की मंजूरी न दी जाए।
दमोह जिले में भीषण विस्फोट से 7 लोगों की जान जाने के बावजूद भी प्रशासन बांधे है आंखों पर पट्टी 14 लाइसेंसी गोदामो को एक ही जगह संचालित करने की दी मंजूरी।
दमोह जिले में बड़ा पुल पर अवैध विस्फोटक फैक्ट्री में पिछले वर्ष हुए ब्लास्ट में कोरी समाज व खटीक समाज की बच्ची और महिलाओ की मौत हुई थी जिस पर अभी तक प्रशासन द्वारा कोई भी कड़ी कार्रवाही नहीं की गई ना ही परिवार के लोगों को मुआवजा राशि प्रदान की गई पीड़ित लोगों में अभी भी कई लोग इलाज रत हैं और भीषण बीमारी के शिकार बन चुके हैं जिनका इलाज अब जीवन पर्यंत जारी रहेगा क्योंकि बारूद के दुष्प्रभाव खून में भिद जाने से भविष्य में भी उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़
सकता है और ऐसे में प्रशासन को चाहिए विस्फोट की चपेट में आए लोगों का भरण पोषण व दवाई का इंतजाम किया जाए और उन्हें उचित रोजगार की व्यवस्था कराई जाए ताकि वह लोग अपने परिवार का भरण पोषण कर सके और अपना उपचार करवा सके इसी बात को लेकर खटीक समाज के लोगों ने आज जनसुनवाई में प्रशासन को इन सभी बातों से अवगत कराते हुए पूर्व से सबक लेते हुए दमोह जिले में अवैध फटाका भंडारण की व्यवस्था जो अभी
तत्काल में सिंगपुर ग्राम में कराई जा रही है जिसमें 14 लाइसेंसी दुकानदार एक ही जगह पर अपनी-अपनी गोदामें संचालित कर रहे हैं जिससे भविष्य में ऐसी ही कोई बड़ी अप्रिय घटना हो सकती है जिससे प्रशासन को अवगत कराते हुए तत्काल ही वहां बनी गोदामें सील कर वहां से विस्फोटक के भंडारण पर रोक लगाई जाए ताकि सिंगपुर ग्रामवासी की जान बचाई जा सके और आपको बता दें कि जहां पर पटाखा भंडारण के लिए सरकार द्वारा इन्हें रखने का 14 लोगों को लाइसेंस दिया गया है वहां से महज 500 मीटर की दूरी पर पेट्रोल पंप भी बना हुआ है इसके बावजूद भी इतने पास में विस्फोटक सामग्री भंडारण की अनुमति कैसे दी गई यह भी अधिकारियों पर सवाल खड़े करता है।
अवैध फटाका फैक्ट्री में विस्फोट के बाद बचे हुए बारूद को जब पुलिस प्रशासन द्वारा नष्ट कराया गया तो दमोह के आधे शहर में भूकंप जैसे हालात निर्मित हो गए थे और जहां पर विस्फोट किया गया था उसे 100 मीटर दूर बनी कॉलेज की खिड़की दरवाजे के कांच टूट गए थे इससे यह स्पष्ट है कि पेट्रोल पंप के पास 14 लाइसेंसी गोदामें कितना खतरनाक ब्लास्ट कर सकती हैं जिससे आधा शहर भी नष्ट हो सकता है? तो सवाल यह है कि 14 लाइसेंसी दुकानदारों का स्टॉक एक ही जगह पर रखा हो और भगवान ना करें इसमें ब्लास्ट होता है तो अधिकारी बता सकते हैं की कितनी जनहानि और कितनी दूर तक इसकी मारक क्षमता होगी।
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