पत्रकारिता की आड़ में नगर पालिका से अपना जीवन यापन चलाने वालें तथा कथित पत्रकार को गरीब सब्जी बेचने वालों से जरा भी नहीं सरोकार।
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पत्रकारिता की आड़ में नगर पालिका से अपना जीवन यापन चलाने वालें तथा कथित पत्रकार को गरीब सब्जी बेचने वालों से जरा भी नहीं सरोकार।
आपको बता दें कि इस वक्त दमोह जिले में कुछ तथा कथित पत्रकार इस तरीके का काम कर रहे हैं जो जनहित में न होकर खुद के हित में लगे हुए हैं जबकि पत्रकारिता का कर्तव्य होता है कि वह जन समस्याओं को शासन प्रशासन तक पहुंचाएं और गरीब जनता शासन की योजनाओं के लाभार्थी किसी भी लाभ से वंचित न हो लेकिन ऐसा देखने में मिल रहा है कि नगर पालिका में पत्रकारिता की आड़ में नगर पालिका के चाटूकार बनकर काम कर रहे एक
पत्रकार का रवैया इस तरीके का है कि वह नगर पालिका को कोई भी ऐसी खबर नहीं पहुंचाना चाहता जिससे जनहानि हो सकती हो वह नगर पालिका के कर्मचारियों और कुछ पत्रकारों का एक ग्रुप बनाए हुए हैं जिसमें हर पत्रकार चाहता है कि नगर पालिका तक समस्याएं पहुंच जाएं उन समस्याओं का निराकरण हो सके लेकिन इन तथा कथित पत्रकारों द्वारा नगर पालिका को आईना दिखाने वाली कोई भी खबर डालते ही तुरंत ग्रुप एडमिन द्वारा मिटा दी
जाती है जिससे नगर पालिका ऐसी जन समस्याओं तक नहीं पहुंच पाती और भगवान ना करें कभी कोई ऐसी जन हानि होती है तो इसके लिए नगर पालिका के ऐसे चाटूकार जिम्मेदार होंगे क्योंकि यह जन समस्याएं नगर पालिका तक नहीं पहुंचाना चाहते और सिर्फ नगर पालिका को खुश करने के लिए उनकी तारीफ ही करते हैं आज जब हमारे द्वारा नगर पालिका को समाचार के माध्यम से
जनहानि रोकने के उद्देश्य से दमोह के सब्जी बाजार में लगे टीन सेट जो कभी भी गिर कर कोई भीं जन हानि कर सकते हैं ऐसी जनहित की खबर भी इन्हें नगर पालिका के खिलाफ दिखाई दी और उन्होंने खबर को ग्रुप से मिटा दिया लेकिन यह नहीं जानते की बिल्ली जब आंखें बंद करके दूध पीती है तो वह सोचती है कि उसे कोई नहीं देख रहा जबकि यह बिल्ली का वहम होता है उसे हर कोई देख रहा होता है।
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