निर्वाचन की प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए आज दमोह कलेक्टर ने बुलाई पत्रकार वार्ता के साथ पत्रकारों को वोटर आईडी का आधार से लिंक में पत्रकारों को प्राथमिकता। जिला पंचायत वोटिंग प्रक्रिया से पत्रकारों को किया गया था वंचित अब दी जा रही प्राथमिकता।
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निर्वाचन की प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए आज दमोह कलेक्टर ने बुलाई पत्रकार वार्ता के साथ पत्रकारों को वोटर आईडी का आधार से लिंक में पत्रकारों को प्राथमिकता। जिला पंचायत वोटिंग प्रक्रिया से पत्रकारों को किया गया था वंचित अब दी जा रही प्राथमिकता।
निर्वाचन आयोग के अनुसार वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक किए जाने के संबंध में दमोह कलेक्टर द्वारा पत्रकारों को प्राथमिकता दी गई आज जिला कलेक्ट्रेट में पत्रकारों को वोटर आईडी से आधार लिंक कराने के लिए एक अधिसूचना जारी की गई है
आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक नागरिक का आधार नंबर निर्वाचक नामावली के डेटाबेस में दर्ज किए जाने के संबंध में दिनांक 4 अगस्त 22 को शाम 4:00 बजे से कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में मीडियाजनों की बैठक आयोजित की गई है, आप सभी से आग्रह है अपना आधार नंबर एवं मतदाता परिचय पत्र के साथ बैठक में उपस्थित होने का कष्ट करें l

दमोह जिला पंचायत चुनाव में पत्रकारों को जहां अंदर जाने से निषेध किया गया तो वही आज जब सरकारी योजना आई की वोटर आईडी को आधार से लिंक किया जाए जिसमें पत्रकारों को सबसे पहले प्राथमिकता दी गई लेकिन जहां पर वोट डालकर जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान जिला कलेक्ट्रेट में पत्रकारों को जाने से निषेध किया गया था। अब सवाल यह उठता है कि अगर पत्रकारों को निर्वाचन प्रक्रिया से जब प्रशासन दूर रखता है तो आज निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्राथमिकता देने का क्या मतलब।

जब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान पत्रकारों को अंदर नहीं जाने दिया गया था कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में इतनी भी जगह नहीं थी कि दमोह के पत्रकारों को थोड़ी सी जगह मिल सके और जब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल खुद आरोप लगा रहे हो तो पत्रकारों को उस जगह से दूर करना निर्वाचन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के वक्त जब पत्रकारों को अंदर जाने नहीं दिया गया तो जिला मीडिया ग्रुप में पत्रकारों द्वारा इसका विरोध किया गया तब जाकर पत्रकारों को अंदर जाने की अनुमति मिली तब तक पूरा खेल हो चुका था। आज जिला कलेक्टर द्वारा पत्रकारों को प्राथमिकता देने पर कई पत्रकार मीडिया ग्रुप में अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिख रहे हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन के दिन पत्रकारों को इस योग्य नही समझा गया कि उन्हें निर्वाचन की कवरेज करने दी जाती, जबकि संसद हो या विधानसभा हर जगह की कवरेज के लिए पत्रकार को आमंत्रित किया जाता है, विशेष पास जारी किए जाते है, फिर दमोह जिले में पत्रकारों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है.. और अब क्यों जरूरत पड़ गई पत्रकारों की….
5 तारीख को दमोह नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के मतदान होना है इसमें देखना होगा कि पत्रकारों को निष्पक्ष रूप से कार्य करने दिया जाता है कि नहीं।
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