दमोह के गंगा जमुना स्कूल मामले में अब एक नया खुलासा। प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कहा टेरर फंडिंग की भी जांच हो।
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दमोह जिले के गंगा जमुना स्कूल के हायर सेकेंडरी स्कूल में इन दिनों रोज नए खुलासे सामने आ रहे हैं पहले बच्चियों को हिजाब पहनाने का मामला सामने आया था जिस पर बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह एसपी व कलेक्टर से इस मामले में जांच के लिए एक पत्र लिखा था जिसके बाद दमोह कलेक्टर द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बाद मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा फिर से गहन जांच के आदेश दिए गए जिसके बाद पांच सदस्यीय एक टीम गठित की गई है जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
मध्य प्रदेश बाल आयोग की टीम ने यह पाया गया कि गैर मुस्लिम बच्चियों को जबरन हिजाब पहनाया जाता था वह भी स्कूल यूनिफार्म का हिस्सा बता कर हिजाब को पहले स्कार्फ के बहाने से ढक दिया गया था जब स्कूल की गहन जांच की गई तो पाया गया।
स्कूल में राष्ट्रीय गान की जगह पाकिस्तान के राष्ट्रीय गायक अल्लामा इकबाल की नज़्म लव पे आती है दुआ बन कर तमन्ना मेरी जो नज्म पाकिस्तान के अधिकांश स्कूलों में प्रार्थना के तौर पर गाई जाती है वहीं आज दमोह के गंगा जमुना स्कूल में मासूम नाबालिक बच्चों से गवांई जा रही थी। यह सभी विवादों को खत्म करने के लिए गंगा जमुना स्कूल प्रबंधक द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिजाब को हटाने की और स्वेच्छा से पहनने की बात कर मामले को शांत किया गया।
जिसकी बात दमोह कलेक्टर ने भी बताई थी की स्कूल प्रबंधक द्वारा अब हिजाब स्वेच्छा अनुसार पहना जा सकता है। ताजा मामला फिर एक बार सामने आया जब भोपाल मध्य प्रदेश बाल आयोग की टीम ने पाया स्कूल में धर्मांतरण जैसे मामले देखने को मिले स्कूल की 3 महिला टीचर जो पहले हिंदू थी आज वह मुस्लिम नामों से जानी जा रही हैं स्कूल में टीचर होने से पहले उनके सभी दस्तावेज हिंदू नाम से थे इससे यह स्पष्ट होता है कि स्कूल में नौकरी के बाद उन्हें किसी प्रकार का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया होगा। यह मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कल बताया की गंगा जमुना स्कूल से जुड़े सभी बड़े लोगों की टेरर फंडिंग से भी जांच होनी चाहिए क्योंकि इनके पास हजारों एकड़ खेती स्कूल धर्म कांटे कई कपड़ों के बड़े-बड़े शोरूम जो दमोह से लेकर भोपाल तक में खुले हुए हैं अचानक से आई अपूर्व संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए। पहले इनका मुख्य पैसा तेंदू पत्ते की ठेकेदारी हुआ करती थी जो आज भी जारी है उसमें भी एक नया कारनामा सामने आ रहा है तेंदू पत्ते को सरकारी स्कूलों में रखा जा रहा है जिसकी बाकायदा उनके पास परमिशन भी है अब सवाल ये उठता है कि जब प्रदेश सरकार द्वारा सख्त आदेश है कि स्कूलों को किसी भी निजी कार्यों में नहीं दिया जा सकता तो इन्हें तेंदूपत्ता रखने की परमिशन किसने दी यह भी एक जांच का विषय है।
इस स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चों के अभिभावकों को एवं जिला प्रशासन व प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को सोचना चाहिए की यह स्कूल जब पढ़ी लिखी हिंदू टीचरों का ब्रेनवाश कर उन्हें मुस्लिम बना सकता है तो भला उस स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चों का यह ब्रेनवाश कर क्या नहीं करा सकते???
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