जंगल में मोर नाचा किसने देखा ऑडियो हुआ वायरल सबने देखा। भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस नेता का ऑडियो हुआ वायरल।
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जंगल में मोर नाचा किसने देखा ऑडियो हुआ वायरल सबने देखा। भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस नेता का ऑडियो हुआ वायरल।
दमोह में लोकसभा चुनाव के चलते इन दिनों राजनीति चरम सीमा पर दिखाई दे रही है यही वजह है कि राजनीति मैं उठा पटक का दौर जारी है इसी उठा पटक के बीच कल भोपाल में दमोह के पूर्व सांसद प्रहलाद पटेल पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष बी,डी शर्मा की मौजूदगी में भाजपा के पुराने कार्यकर्ता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे शिवचरण पटेल जिनका हटा विधानसभा चुनाव में
अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ काम करते हुए उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिस पर पार्टी ने संज्ञान लेते हुए उन्हें 6 सालों के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। कल शिवचरण पटेल की पार्टी में पुनः घर वापसी की गई अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को सिद्ध करने के लिए इन्होंने पहले अपनी पार्टी को धोखा दिया लेकिन वह तो मोदी लहर थी कि हटा विधायक उमा देवी खटीक के प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले प्रत्याशियों में जीत हासिल की नहीं तो शिवचरण पटेल की ओर से तो पार्टी को हराने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई थी यही वजह थी कि पार्टी मै अनुशासन हीनता के चलते कार्य करने पर पार्टी ने इन्हें 6 वर्षों के लिए निलंबन किया था। कल भोपाल में वरिष्ठ लोगों की
मौजूदगी में दमोह पथरिया क्षेत्र के कांग्रेस के एक बड़े नेता और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटेल ने भी कांग्रेस को छोड़ भाजपा ज्वाइन की इसके बाद गौरव पटेल का एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसकी पुष्टि हमारा चैनल और हमारा पोर्टल नहीं करता। दमोह विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी में रहते हुए कांग्रेस के ही प्रत्याशी के खिलाफ भीतर घात करने का एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें गौरव पटेल किसी व्यक्ति से बात करते हुए यह कहते सुने जा रहे हैं कि जंगल में मोर नाचा
किसने देखा और पूरी ऑडियो का सार यह है कि कांग्रेस में रहकर बीएसपी की कैंडिडेट रामबाई का समर्थन करते हुए बात की जा रही थी। विधानसभा चुनाव के वक्त भाजपा की अनुशासनहीनता का दंड झेलने वाले वाले शिवचरण पटेल और इस वक्त के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में रहकर कांग्रेस पार्टी की
अनुशासनहीनता करने का यह ऑडियो वायरल हुआ है इससे तो यही लगता है कि कांग्रेस से निकाले जाने से पहले ही इन्होंने शायद कांग्रेस पार्टी को छोड़ देना ही सही समझा। अब देखना होगा कि ऐसे लोगों को भाजपा में शामिल करने से भाजपा को कितना लाभ होता है या हानि यह तो समय ही बताएगा लेकिन लोग ऐसी घर वापसी और ऐसे लोगों को पार्टी में लेने के विरोध में सोशल मीडिया पर खुलकर लिख रहे हैं और इसका खामयाजा शायद भाजपा को लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़े यह तो समय ही बताएगा।
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