दमोह कलेक्टर ने दमोह के प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोत तालाबों का किया निरीक्षण। लोगों में अब इन तालाबों के सौंदर्यकरण की बंधी आस। डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर दादा भाई।
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दमोह कलेक्टर ने दमोह के प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोत तालाबों का किया निरीक्षण। लोगों में अब इन तालाबों के सौंदर्यकरण की बंधी आस। डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर दादा भाई।
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दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा आज दमोह के प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोतों का रखरखाव व उनकी साफ सफाई को लेकर दमोह नगर के सभी तालाबों का निरीक्षण किया गया सुबह-सुबह नगर पालिका अमले के साथ दमोह कलेक्टर पहले बेलाताल पहुंचे जहां कीचड़ में खिले कमल तो तालाब में चोई नुमा हरी हरी घास ग्राउंड की तरह तालाब दिखाई दे रहा था तो वहीं जब दूसरे तालाब के रखरखाव और साफ सफाई को लेकर दमोह कलेक्टर
दीवान जी की तलैया जो शहर के बीचों बीच स्थित है व इस तालाब की बड़ी ही विशेषताएं हैं इस तालाब में जहां एक घाट पर मुस्लिम समाज के ताजिया ठंडे होते हैं तो वही दूसरे घाट पर हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि पर रखे जाने वाले जवारे जो साल में दो बार नवरात्रि के समय रखे जाते है ओर इन जवारो का विसर्जन इसी तालाब में किया जाता है तो वही रक्षाबंधन के दूसरे दिन हिंदुओं का बड़ा ही प्राचीन त्यौहार कजलिया भी इसी तालाब में खोटकर कर
देवी देवताओं को अर्पित की जाती हैं जिसके बाद कजलियो का पर्व मनाया जाता है यानी कि इस तालाब का महत्व दमोह जिले के सभी तालाब से हटकर है इसके बावजूद भी तालाब की दुर्दशा आज कलेक्टर साहब ने खुद महसूस की होगी इस तालाब में जहां शहर के कई नाले मिल रहे हैं तो इस तालाब के चारों ओर रहने वाले लोग भी इस तालाब पर कम अत्याचार नहीं कर रहे हैं वह अपने घरों के सीवर के कनेक्शन भी इस तालाब में डाले हुए हैं जिससे यह पानी नहाने कपड़े धोने के काम तो आ ही नहीं सकता ओर पशुओं के पीने लायक भी नहीं है।
फिर दमोह कलेक्टर तीसरा तालाब पुरैना तालाब पहुंचे जो की सिविल वार्ड नंबर 2 में स्थित है इस तालाब में बढ़िया साफ सफाई देखी गई लेकिन इस तालाब का भी यहां रहने वाले आस पड़ोस के लोग बुरा हाल बनाए हुए हैं यहां भी तालाब के किनारे अतिक्रमण किए लोग अपनी गंदी नाली वह सीवर का गंदा पानी तालाब में डाल रहे हैं। इसके बाद दमोह कलेक्टर दमोह के प्राचीन फुटेरा तालाब मां बड़ी देवी मंदिर के पास पहुंचे यहां भी आधे तालाब में सिंघाड़े लगे हुए हैं तो आदे तालाब में चोई ही चोई दिखाई दे रही है
महज 10 पर्सेंट पानी ही तालाब का देखने को मिल रहा था इस तालाब की भी प्राचीन मान्यता है इस तालाब में भी जवारे विसर्जन के साथ-साथ नवरात्रि पर्व पर विराजमान मां देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है इस तालाब के लिए योजनाएं लाई गई लेकिन आज तक कोई भी योजना इस तालाब के जीणोद्धार व सौंदर्यकरण के काम नहीं आई ।आपको बता दें कि तालाब में सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोगों के लिए तालाब पर टापू व सेतु बनाने की योजना भी आई थी लेकिन वह कागजों तक ही सीमित रह गई शायद इन तालाबों के सौंदर्य करण और स्वच्छ जल के लिए ही दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर को भगवान ने माध्यम बनाया हैं।
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