दमोह एसडीएम द्वारा कोरोना संकटकाल में दमोह की जनता को राहत देने की जगह लगाई गई फटकार !बगैर किराना के घर में रहने की दी सलाह डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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दमोह जिला मुख्यालय का है मामला यहां पर कुछ दिनों पहले से सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शिकायतकर्ता के द्वारा दमोह एसडीएम रविंद्र चोकसे को फोन करके यह शिकायत की गई की, दमोह के लोकु वार्ड में एक किराना की दुकान पर भारी-भरकम दाम ₹40 किलो की शक्कर को, ₹60 के दाम में खुलकर बेचा जा रहा है, मगर दमोह एसडीएम साहब के द्वारा उस शिकायतकर्ता को फोन पर ही नसीहत दे दी गई थी,कि वह अगर बेच रहा है तो बेचने दो, ओर इसमें हम क्या कर सकते हैं,
और अगर वह महंगी बेच रहा है तो मत लो न भाई, वहा से आप शक्कर, और जिस कारण वरिष्ठ अधिकारी की इस तरीके की दलील सुनकर उस शिकायतकर्ता ने अपना फोन काट दिया, वहीं इस मामले की ऑडियो रिकॉर्डिंग जिले कि सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी धूम मचाए हुए है,हालांकि ऑडियो मीडिया के हाथ लगने के बाद मामले ने काफी तूल पकड़ लिया तथा यह मीडिया की सुर्खियों में तब्दील हो गई, मगर कुछ लोगों के द्वारा हुकूमत के हाथों अपना जमीर गिरवी रखने की वजह से उल्टे हुकूमत का पक्ष करना और मामले को रफा-दफा करने की होड़ लग गई, बहरहाल यह ऑडियो एक राज ही बनी हुई है, कि आखिर यह ऑडियो कब की है और किसने वायरल की है।
मगर इस ऑडियो को वायरल होने के बाद एक बात तो तय हो जाती है कि, भले ही लॉक डाउन के दौरान दमोह जिला प्रशासन आम नागरिकों को परेशानी ना होने के लिए तमाम कदम उठा ले,मगर जिला प्रशासन के उन तमाम दावों की पोल खुलती नजर आ रही है जो पब्लिक के सामने जाकर यह कहा जाता है कि अगर आप लोगों को कोई शिकवा शिकायत है या फिर कोई किराना व्यापारी आपको मोटे दामों पर सामग्री बेचता है तो आप शिकायत करिए उसके खिलाफ तत्परता से कार्यवाही होगी।
बहरहाल जो भी हो इस ऑडियो की पुष्टि इसी बात से होती है कि एसडीएम साहब मान रहे हैं कि यह ऑडियो पुराना है मगर ऑडियो पूरा है कि नहीं यह पुष्टि तो जांच के बाद साइबर सेल ही बता सकता है और इस ऑडियो के वायरल होने के बाद एक बात तो स्पष्ट हो गई कि, प्रशासन के खिलाफ अगर कोई आम नागरिक अपनी आवाज बुलंद करता है या फिर भ्रष्टाचारी के खिलाफ कोई भी आम नागरिक शिकायत करता है,तो ऐसे ही उसकी आवाज कुचल कर दबा दी जाता है, जो कहीं ना कहीं लोकतंत्र पर एक धब्बा की तरह दिखाई दे रहा है, हालांकि अब देखना होगा कि मामला वरिष्ठ अधिकारियों से संबंधित है जिला कलेक्टर इस पर क्या कार्यवाही करते हैं
वहीं इस पूरे मामले पर जब खुद दमोह एसडीएम रविंद्र चोकसे से पूछा गया कि शिकायतकर्ता के द्वारा आपको फोन लगाया गया मगर आपने उसे इस तरीके की नसीहत क्यों दी,तो उन्होंने इन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए यह कहकर अपना पल्ला झाड़ना मुनासिब समझा कि, यह ऑडियो लॉक डाउन के दो-तीन दिन पहले की है और हम लोगों ने खाद्य सामग्री के रेट फिक्स कर दिए थे।
मगर यहां यह भी सोचने वाली बात है कि अगर लॉक डाउन से पहले कि यह ऑडियो होती तो कोई भी आम नागरिक शिकायत नहीं करता,क्योंकि यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि सिर्फ और सिर्फ लॉक डाउन के दौरान ही जिले में किराना व्यापारी तथा अन्य व्यापारियों के द्वारा सामग्री को मोटे दामों पर बेच कर आम नागरिकों के जेब को काटा जा रहा है
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