सावधान बिना मान्यता प्राप्त स्कूल आपके बच्चे का भविष्य न कर दे खराब।पालक कैसे जाने इन बिना रजिस्ट्रेशन के स्कूलों के बारे में डेंजर भारत की खबर के साथ। डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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सावधान बिना मान्यता प्राप्त स्कूल आपके बच्चे का भविष्य न कर दे खराब।पालक कैसे जाने इन बिना रजिस्ट्रेशन के स्कूलों के बारे में डेंजर भारत की खबर के साथ।
बड़ी बड़ी खबरों के बीच छूट जाती हैं छोटी महत्वपूर्ण खबरें जिनसे होता है जनता का सीधा सरोकार छोटी महत्वपूर्ण खबरें जानने के लिए देखते रहे डेंजर भारत।
दमोहः आज देश तरक़्क़ी कर रहा है शिक्षा के क्षेत्र में भी देश ने अनेको नित नय आयाम गढ़े है देश के प्रधानमंत्री मंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शिक्षा के क्षेत्र में सख्त रवैया रखते नज़र आ रहे है धांधली और फर्जीवाड़ा की रोकथाम के उद्देश्य से शासन ने भी सख्त नियम एवं क़ानून बनाये है परंतु लालच की चकाचौंध और शार्ट कट से आगे बढ़ने की चाह मनुष्य को इतना अंधा बना चुकी है कि उसे सही गलत उचित अनुचित से कोई भी तात्पर्य नही हैं मध्यप्रदेश में

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम, 2011 के अधीन प्रकाशित नियम 11 में मान्यता हेतु प्रावधान किये गये है ।
इसके अनुसार म प्र. सोसाइटी रजिस्ट्रिकरणअधिनियम, 1973 सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860, म.प्र. लोक न्यास अधिनियम, 1951, भारतीयन्यास अधिनियम, 1882 के अधीन रजिस्ट्रीकृत संस्थाए ही निजी प्राथमिक शाला / माध्यमिक शाला की मान्यता आवेदन करने के लिए पात्र होंगे । आरटीई अधिनियम के अनुसार समस्त अशासकीय शालाओं को आरटीई पोर्टल से मान्यता प्राप्त होने के उपरांत ही स्कूल संचालन किया जा सकता है।

स्कूल मान्यता के लिए अनेको धाराओं के अंतर्गत मान्यता आवेदन करने के उपरांत ही शासन द्वारा निरीक्षण करने के उपरांत सभी सुविधाएं , व्यवस्था सभी नियम और अधिनियमो के पालन के उपरांत ही कोई संस्था विद्यालय का संचालन कर सकती है परन्तु आज सभी नियमो को ताक पर रख के कोचिंग या प्ले स्कूल के नाम पर शहर में अनेको स्कूल संचालित किये जाते है चले तो चले नही तो कभी भी बंद कर दिए जाते है जिनकी न तो मार्कशीट ही वैद्य होती है ना ही बच्चे के कहीं मैप होते है सरकारी पोर्टल पर स्कूल का रजिस्ट्रेशन ना होने से उनको भविष्य मै कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है बच्चो के साथ सीधे तौर पर खिलबाड़ होता है न तो उन्हें आर. टी . ई. का ही लाभ मिल पाता हैं न ही कोई स्कॉलरशिप या अन्य कोई शासकीय सेवा मिल पाती है कहि मेंप न होने की स्थिति में उन्हें या तो फिर से उसी कक्षा में प्रवेश लेना पड़ता है या तो फिर मान्यता प्राप्त विद्यालय उन्हें आगे की क्लास में प्रवेश देने से झिझकते है ।
अधिकारी पहले स्वयं ध्यान नही देते हैं और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को खुले आम बच्चों के भविष्य से खेलने का पूरा मौका देते हैं और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को मोटी कमाई करने का मौक़ा देते हैं और बाद में सहयोग करने से बचते है ।
शासन द्वारा ऐसे स्कूलों और संचालको पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है इसलिए आर. टी . ई. के नियमो का सख्ती से पालन करना स्वयं राज्य शिक्षा मंत्री एवं जिलेवार कलेक्टर स्वयं सुनिश्चित करते है ।

यदि कोई स्कूल आर. टी . ई Right to Education portal पोर्टल पर नाम प्रदर्शित नही करता तो समझ जाइये की स्कूल की कोई मान्यता नही है आपके बच्चे का भविष्य खतरे में है ऐसे विद्यालय में कम फीस या अन्य किसी लालच में आकर एडमिशन लेना आपके बच्चे के भविष्य पर बुरा असर डाल सकता है यदि आप अपने बच्चे का भविष्य सुरक्षित रखना चाहते है यदि फीस नही है तो शासन द्वारा संचालित अनेको विद्यालयों में आप उनका प्रवेश करा सकते है या तो आप RTE एवं शासन द्वारा मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल में दाखिला करा सकते है याद रखे सरकार से स्कूल की मान्यता होना अति आवश्यक हैं ।

मध्यप्रदेश प्रांतीय आशासकीय शिक्षण संघ के जिला अध्यक्ष श्री शिव सिंग यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के कुछ स्थानों पर कोचिंग और प्ले स्कूल के नाम पर बिना मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित हो रहे संघ के आला अधिकारी संज्ञान में ले रहे है पालकों को भी स्वयं जागरूक होना चाहिए कि अपने बच्चों का दाखिला शुरू से ही मान्यता प्राप्त , RTE लिस्टेड स्कूल में ही कराएं ।
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