दमोह जिले के मिशन अस्पताल में लगी आग। फायर कंट्रोल सिस्टम दिखा फेल। डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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दमोह जिले के मिशन अस्पताल में लगी आग। फायर कंट्रोल सिस्टम दिखा फेल।
मध्यप्रदेश के जबलपुर में पिछले साल एक प्राइवेट हॉस्पिटल में आग लग जाने से 8 लोगों की मौत हुई थी जिसके बाद शासन प्रशासन ने बड़ी-बड़ी बातें तो की लेकिन लेकिन आज भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ऐसी प्राइवेट अस्पतालों में लगे सेफ्टी फायर सिस्टम की रूटीन जांच के नाम पर कोई भी जानकारी देने वाला नहीं है यही वजह है कि आज दमोह जिले में आप नगरपालिका जाएं और इसकी जानकारी लें तो नगर पालिका द्वारा बताया जाता है कि आजकल यह सभी योजनाएं ऑनलाइन की जाती हैं जिसके रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन ही प्राप्त होते हैं जब हमारे संवाददाता ने इस संबंध में नगर पालिका में पदस्थ कर्मचारी से पूछा तो उन्होंने बताया कि आग से बचाने के लिए फायर सेफ्टी फीचर अस्पताल मॉल टॉकीज मैरिज गार्डन जैसी कई जगह पर होना अनिवार्य है शासन की मंशा अनुसार लेकिन यह सभी आवेदन ऑनलाइन भरे जाते हैं हमारे द्वारा जब पूछा गया इसकी मॉनिटरिंग कौन करता है कि फायर सेफ्टी फीचर काम कर रहे हैं या नहीं तो इस संबंध में उन्होंने कहा हमारी नगरपालिका से इसका कोई लेना-देना नहीं आप कलेक्ट्रेट में जाकर पता कर सकते हैं।
दमोह में राय चौराहे पर स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल मिशन अस्पताल में अचानक से शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गई जिसमें बताया जा रहा है करीब 6 से 8 मरीज एडमिट थे जिसमें 4 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे गनीमत रही आग आईसीयू तक नहीं पहुंची जहां पर वेंटिलेटर पर अपना इलाज करा रहे 4 मरीज भर्ती थे। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाने की काफी मशक्कत की गई इस दौरान अस्पताल में लगे फायर सेफ्टी सिस्टम बंद नजर आए जिससे यहां कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी नगरपालिका की फायर ब्रिगेड भी करीब आधा घंटे बाद मौके पर पहुंची जब तक स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पा लिया था।
दमोह प्रशासन को चाहिए कि हॉस्पिटल टॉकीज मॉल और मैरिज गार्डन मैं लगे फायर सेफ्टी सिस्टम की नियमित जांच हो और सिस्टम खराब या बंद होने पर ऐसे लोगों पर कार्यवाही हो और प्रशासन ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही करें। जो इस फायर सेफ्टी फीचर को मॉनिटरिंग करते हैं।
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