दीनदयाल रसोई से अच्छी दमोह की लंगड़ा होटल क्यों कह रहे दमोह के लोग। गरीबों की होटल लँगड़ा होटल पिछले 150 वर्षों से निरंतर गरीब जनता की पहली पसंद बना हुआ है।
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दीनदयाल रसोई से अच्छी दमोह की लंगड़ा होटल क्यों कह रहे दमोह के लोग। गरीबों की होटल लँगड़ा होटल पिछले 150 वर्षों से निरंतर गरीब जनता की पहली पसंद बना हुआ है।
आपको बता दें कि दमोह जिले में पिछले 100 सालों से अधिक समय से दमोह के प्रसिद्ध टॉकीज चौराहे के पास अंग्रेजों के समय से यहां पर लँगड़ा होटल के नाम से होटल संचालित की जा रही है जो होटल अंग्रेजों के समय से दमोह के गरीब जनों की सेवा स्वरूप शुरू की गई थी जो कि निरंतर आज भी 100 साल से अधिक समय के बाद भी इनके द्वारा सेवाएं दी जा रही है आज 100 साल से अधिक समय के बाद इतनी महंगाई के बावजूद भीआज जब सब्जी की बात करें तो कोई भी सब्जी₹20 से ₹40 से कम मैं नहीं आ रही है
वही टमाटर तो 80 ₹ से 90 किलो तक पहुंच गए हैं तो वहीं आटा 30₹ से ₹40 किलो पर मिल रहा है इसके बावजूद भी आज दमोह के लँगड़ा होटल संचालक बबलू दुबे और मुंदर दुबे अपने दादा और पिता रामशंकर के उद्देश्यों को आगे बढ़ा रहे हैं और लोगों को मात्र ₹30 में उन्हें एक दिन का भोजन मुहैया करा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में गरीब लोगों को भरपेट भोजन की व्यवस्था कम दामों में देने की शुरुआत पहली बार 2017 में की गई थी जिसे पूरे प्रदेश में दीनदयाल रसोई के नाम से शुरू किया गया था।
दमोह जिले में 2017 में की गई दीनदयाल रसोई के प्रारंभ की तस्वीरें।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जय ललिता का निधन 2016 में हुआ था जिनकी मृत्यु के बाद तमिलनाडु की महत्वपूर्ण योजना अम्मा की रसोई संपूर्ण भारत मे काफी मशहूर हुई और उस योजना से गरीबों के साथ निम्न क्लास के लोगों को भी उस योजना से काफी लाभ हुआ तो वही उस योजना के चलते गरीबों में और निम्न क्लास के लोगों में अम्मा की रसोई में खाना खाने वालों मैं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री की छवि एक देवी के तौर पर देखी जाने लगी थी। यही वजह थी कि मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद उनकी इस योजना की जहां पूरे राजनीतिक दलों ने तारीफ की तो कई राजनीतिक दलों ने उस योजना को अपने प्रदेश में भी लागू किया।
ऐसा ही मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा गरीबों को कम पैसे में भरपेट भोजन की व्यवस्था 2017 में शुरू की गई जिस योजना को मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के स्वच्छ छवि एवं कर्मठ कार्यकर्ता और निस्वार्थ सेवा भाव से गरीबों की सेवा करने वाले पंडित दीनदयाल के नाम पर संपूर्ण मध्यप्रदेश में पंडित दीनदयाल रसोई के नाम नाम से शुरू की गई।
दमोह जिले में मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत दीनदयाल रसोई का संचालन किया जा रहा है । इस योजना को जिस उद्देश्य व जिस व्यक्ति के नाम से यह योजना शुरू की गई थी।पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को जो भी लोग जानते हैं। गरीबों को अपना पूरा जीवन समर्पित कर देने वाले समाजसेवी के तौर पर जानते हैं लेकिन दमोह में पंडित दीनदयाल रसोई जो अस्पताल चौराहे पर संचालित है जिसें सरकारी अनुदान भी प्राप्त होता है यही वजह है कि यहां पर₹10 में भूखे को भोजन की व्यवस्था की गई है शुरुआती सालों में इस योजना का अधिकांश दमोह की जनता ने भरपूर लाभ लिया लेकिन यह योजना भी आज
राजनीतिक अपेक्षाओं और कमीशन खोरी के चलते आज यहां महज 40 से 50 लोग ही खाना खाने आते हैं जब की शुरुआत में यहां पर प्रतिदिन 200 से ढाई सौ लोग खाना खाने आते थे यहां खाना खाने आने वाले लोगों से जब पूछा तो उन्होंने बताया कि पहले यहां अच्छा खाना मिलता था और पेट भी भर जाता था लेकिन आज ₹10 में यह कुछ नहीं दे रहे इससे अच्छा तो दमोह की मशहूर 100 साल पुरानी होटल मैं खाना मिलता है वह भी यहां से कम दामों पर। तो मैंने पूछा कि ₹10 से कम में भला इतनी महंगाई में कौन दे सकता है तो जनता ने हमें बताया यहां भी खाना खाने के लिए हमें कम से कम 4 कूपन लगते हैं जो ₹40 के आते हैं तब जाकर मेरा पेट भर पाता है लेकिन लँगड़ा होटल में आज भी ₹30 के भोजन मैं मेरा पेट भर जाता है।
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