आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए लघु व्यापारियों को और लघु उद्योगों के लिए 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा | डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर
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*वित्त मंत्री के 15 ऐलान: 45 लाख छोटे उद्योगों को 3 लाख करोड़ का कर्ज, टीडीएस में कल से 25% की कटौती; आयकर रिटर्न की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ाई।*
*1. _इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ाई*_
साल 2019-2020 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है। टैक्स ऑडिट की आखिरी तारीख भी 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर की गई है। इनकम टैक्स के रिफंड भी जल्द जारी किए जाएंगे। रिफंड का फायदा चैरिटेबल ट्रस्ट, नॉन-कॉर्पोरेट बिजनेस को इसका फायदा मिलेगा। इसके दायरे में प्रोपराइटरशिप, पार्टनरशिप, को-ऑपरेटिव्स आते हैं।
*2. _टीडीएस में 25% की कटौती, फैसला कल से लागू*_
*क्या मिलेगा:* बिना सैलरी वाले पेमेंट के लिए टैक्स डिडक्ट एट सोर्स और टैक्स कलेक्शन एट सोर्स में 25% की कटौती की जाएगी। इससे टैक्सपेयर्स पर 50 हजार करोड़ रुपए का भार कम पड़ेगा।
*किस पेमेंट पर मिलेगा:* जब आप किसी कॉन्ट्रैक्ट के लिए पेमेंट, प्रोफेशनल फीस, इंटरेस्ट, किराया, डिविडेंड, कमिशन और ब्रोकरेज देते हैं तो इस पर कम टीडीएस देना होगा।
*कैसे मिलेगा:* टीडीएस के नए रेट कल यानी गुरुवार 14 मई से ही लागू हो जाएंगे। यह फैसला 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगा।
*3. _रियल एस्टेट डेवलपर्स को बड़ी राहत*_
*किसे फायदा*: उन रियल एस्टेट डेवलपर्स को, जिनके प्रोजेक्ट 25 मार्च या उसके बाद पूरे होने थे।
*क्या फायदा:* ऐसे प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन और कम्प्लीशन की टाइमलाइन अपने आप ही 6 महीने के लिए बढ़ जाएगी।
*कैसे मिलेगा:* किसी को भी इसके लिए अलग से एप्लिकेशन देने की जरूरत नहीं होगी। अगर रेगुलेटरी अथॉरिटी को जरूरी लगता है तो वे कम्प्लीशन की टाइमलाइन को तीन और महीने के लिए बढ़ा सकते हैं। टाइमलाइन बढ़ने के बाद अपने आप ही रियल एस्टेट प्रोजेेक्ट्स को नया प्रोजेक्ट कम्प्लीशन सर्टिफिकेट मिल जाएगा। इसके लिए केंद्र राज्यों को एडवाइजरी जारी करेगा।
*4. _छोटे उद्योगों को 3 लाख करोड़ रुपए का ऑटोमैटिक लोन*_
*किसे मिलेगा:* 45 लाख मझले, बेहद छोटे, छोटे, कुटीर और गृह उद्योगों को। जिन्हें 25 करोड़ रुपए का बकाया चुकाना है और जिनका 100 करोड़ रुपए का टर्नओवर है, ऐसे छोटे उद्योगों को कर्ज मिलेगा।
*कैसे मिलेगा:* यह कोलैटरल फ्री ऑटोमैटिक लोन होगा। यानी इसके बदले में आपको गारंटी नहीं देनी होगी। गारंटी फीस भी नहीं लगेगी। कर्ज 4 साल के लिए होगा। प्रिंसिपल अमाउंट यानी कर्ज की मूल रकम चुकान के लिए 12 महीने की राहत मिलेगी।
*कब मिलेगा:* इस स्कीम का 31 अक्टूबर 2020 तक फायदा उठाया जा सकता है।
*5. _संकट में चल रहे छोटे उद्योगों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए*_
*किसे मिलेगा:* 2 लाख मझले, बेहद छोटे, छोटे, कुटीर और गृह उद्योगों को।
*क्या मिलेगा:* उद्योगों के प्रमोटरों को बैंक से कर्ज मिलेगा। इसके दायरे में ऐसे उद्योग आएंगे, जो नॉन परफॉर्मिंग असेट्स हो चुके हैं या संकट में चल रहे हैं।
*कैसे मिलेगा:* सरकार क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज को पैसा देगी। यह ट्रस्ट बैंकों को पैसा देगा। फिर बैंकों से उद्योगों को फंड मिलेगा।
*6. _छोटे उद्योगों के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का फंड*_
*किसे मिलेगा:* ऐसे छोटे उद्योगों को, जिनके पास पैसों की कमी है, लेकिन जिनमें तरक्की करने की संभावना है।
*क्या मिलेगा:* 10 हजार करोड़ रुपए की शुरुआत के साथ एक फंड बनाया जाएगा। यह मदर फंड होगा। इसी के जरिए 50 हजार करोड़ रुपए का डॉटर फंड जुटाया जाएगा।
*कैसे मिलेगा:* छोटे उद्योगों को अपना आकार बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्हें स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
*7. _एमएसएमई की परिभाषा बदली*_
*क्या हुआ:* मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए अब छोटे उद्योगों की परिभाषा एक ही कर दी गई है। माइक्रो यानी बेहद छोटे उद्योग वे कहलाएंगे, जहां 1 करोड़ का निवेश है और 5 करोड़ का टर्नओवर है। स्मॉल यानी छोटे उद्योग वे कहलाएंगे, जहां 10 करोड़ का निवेश है और 50 करोड़ का टर्नओवर है। मीडियम यानी मझले उद्योग वे कहलाएंगे, जहां 20 करोड़ का निवेश और 100 करोड़ का टर्नओवर है।
*फायदा क्या:* अब ज्यादा उद्योग एमएसएमई के दायरे में आ जाएंगे।
*8. _200 करोड़ रुपए तक के सरकारी टेंडर में देश के उद्योगों को मौका*_
*पहले क्या होता था:* ग्लोबल टेंडर की वजह से विदेशी कंपनियां टेंडर हासिल करने की दौड़ में होती थीं और घरेलू छोटे उद्योगों को मौका नहीं मिलता था।
*अब क्या होगा:* सरकार अगर 200 करोड़ रुपए तक की खरीद करेगी, तो उसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी नहीं किया जाएगा। जनरल फाइनेंशियल रूल्स में बदलाव किया जाएगा ताकि देश के छोटे उद्योगों को टेंडर हासिल करने का मौका मिल सके।
*9. _छोटे उद्योगों का बकाया चुकाया जाएगा*_
सरकार और सरकारी उद्यम अगले 45 दिन में एमएसएमई के सभी बकाया का भुगतान कर देंगे।
*10. _ईपीएफ में 2500 करोड़ का सपोर्ट*_
*क्या मिलेगा:* प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत इम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड में इम्प्लॉयर का 12% और इम्प्लॉई का 12% हिस्सा दिया जा रहा था। यह मार्च, अप्रैल और मई के लिए था। अब इसे तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है।
*कब मिलेगा:* जून, जुलाई और अगस्त की सैलरी के ईपीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन में भी सरकार मदद करेगी। यह मदद 2500 करोड़ रुपए की होगी।
*किसे मिलेगा:* 3.67 लाख ऐसे संस्थानों को इसका फायदा मिलेगा, जहां 72.22 लाख इम्प्लॉई काम करते हैं। ऐसे इम्प्लॉई जिनकी तनख्वाह 15 हजार रुपए से कम है और जो 100 से कम इम्प्लॉई वाले संस्थानों में काम करते हैं, उनके पीएफ अकाउंट में सरकार ही पूरा 24% हिस्सा जमा करेगी।
*11. _ईपीएफ में अब 12% की जगह 10% कॉन्ट्रिब्यूशन*_
*क्या मिलेगा:* अगले तीन महीने तक इम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड में इम्प्लॉयर और इम्प्लॉई के कॉन्ट्रिब्यूशन को 12% की जगह 10% रखा जाएगा।
*किसे मिलेगा:* फायदा 6.5 लाख संस्थानों के 4.3 करोड़ इम्प्लॉईज को मिलेगा।
*कब मिलेगा:* अगले तीन महीने तक। इससे संस्थानों के 6750 करोड़ रुपए बचेंगे।
*किसे नहीं मिलेगा:* ऐसे कामकाजियों को जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के दायरे में नहीं आते। केंद्र और राज्य सरकारों के पब्लिक एंटरप्राइज में काम करने वालों के लिए 12- 12% का कॉन्ट्रिब्यूशन जारी रहेगा।
*12. _कर्ज देने वाली कंपनियों के लिए लिक्विडिटी स्कीम*_
*क्या मिलेगा:* 30 हजार करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम की शुरुआत होगी।
*किसे मिलेगा:* नाॅन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रो फाइनेंस इंस्टिट्यूशंस को, जिन्हें बाजार से पैसा जुटाने में दिक्कत होती है।
*कैसे मिलेगा:* इस फंड की पूरी गारंटी सरकार देगी।
*13. _कर्ज देने वाली कंपनियों के लिए गारंटी स्कीम*_
*क्या मिलेगा:* 45 हजार करोड़ रुपए की पार्शियल गारंटी स्कीम।
*किसे मिलेगा:* नाॅन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रो फाइनेंस इंस्टिट्यूशंस को, जिनकी क्रेडिट रेटिंग कम है और जो एमएसएमई या इंडिविजुअल्स को कर्ज देना चाहती हैं।
*कैसे मिलेगा:* कर्ज देने पर अगर नुकसान होता है तो उसका 20% भार सरकार उठाएगी।
*14. _पावर डिस्टिब्यूशन कंपनियों को मदद*_
*क्या मिलेगा:* पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपए की मदद मिलेगी, क्योंकि उनके रेवेन्यू में काफी कमी आई है।
*किसे मिलेगा:* पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन डिस्कॉम कंपनियों को यह मदद मिलेगी।
*क्यों मिलेगा:* अभी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को पावर जनरेशन कंपनियों और ट्रांसमिशन कंपनियों को 94 हजार करोड़ रुपए चुकाने हैं, लेकिन उनके पास पैसे की कमी है।
*15. _कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत*_
रेलवे, सड़क परिवहन राजमार्ग और सीपीडब्ल्यूडी जैसी सेंट्रल एजेंसियों के कॉन्ट्रैक्टर्स को अपने प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए छह और महीने का वक्त दिया जाएगा।
मजदूर और मजबूर लघु व्यापारी की समस्या को लेकर मजदूर संघ और लघु व्यापारी संघ के जिला अध्यक्षों ने कलेक्टर से की मुलाकात|

आज भारतीय मजदूर संघ जिला दमोह के प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र चौबे लघु व्यापारी संघ से श्री तनुज पाराशर जी मध्य प्रदेश का सबसे मजदूर महासंघ से देवेंद्र चौबे अखिलेश रजक मध्यप्रदेश बीड़ी मजदूर संघ से प्रदीप जाटव हीरा यादव प्रतिनिधिमंडल द्वारा जिलाधीश महोदय से मजदूरों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई चर्चा में देवेंद्र चौबे संयोजक मध्य प्रदेश कंट्रक्शन मजदूर महासंघ द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए शिक्षा प्रोत्साहन की राशि उनके खातों में न पहुंचने विषय पर चर्चा हुई जिलाधीश महोदय ने मंडल को समस्याओं पर आश्वासन दिया भारतीय मजदूर संघ से सरकार और समाज को लेकर सहयोग करने की अपेक्षा की
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