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गोकशी के लिए कसाई यों का नया तरीका उससे निपटने के लिए पुलिस के पास नहीं है पुख्ता इंतजाम जिससे कानून की आंखों में धूल झोंक कर बेधड़क की जा रही है गाय चोरी! डेंजर भारत प्रमुख तनुज पाराशर

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मध्य प्रदेश में अभी जो क़ानून है उसके तहत गौवंश की हत्या, गौ मांस रखने और उसके परिवहन पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है. … मध्यप्रदेश सरकार के नए बनने वाले कानून के मुताबिक़ यदि कोई व्यक्ति गौरक्षा के नाम पर मार-पीट करता है तो उसे पांच साल तक की सज़ा दी जा सकती है. इसी का फायदा उठाकर गव कशी करने वाले खुलकर गाय फिर से काटने लगे हैं ! आज दमोह नगर में शिवाजी स्कूल से मोहन टॉकीज के रास्ते होते हुए कसाई मंडी ले जा रहा एक गाय को एक कसाई जो कि उसके ले जाने का तरीका संदिग्ध देखा गया मोटरसाइकिल का चक्का गाय को मारता फिर थोड़ी देर रुक जाता और फिर मोटरसाइकिल का चक्का मारता फिर रुक जाता ऐसे करते हुए वह मोहन टॉकीज चौराहे पहुंचा जहां पर गाय पुराने थाने से मंडी की ओर न जाकर वह बैहराम टॉकीज की ओर मुड़ गई देखते ही देखते कसाईयों के और भी साथी वहां पर एकत्रित होने लगे और शांति से चाय की दुकान पर चाय पीते हुए गाय पर नजर बनाए हुए थे एक कसाई द्वारा उसे होटल की चाय पत्ती खिलाई गई और अपनी जेब से रोटियां निकालकर भी खिलाने लगा तभी जागरूकता का परिचय देते हुए किसी ने पुलिस को फोन कर दिया क्योंकि नए कानून के चलते उसे पकड़ते तो वह मारपीट का आरोप लगाकर उल्टा गऊ रक्षक पर ही केस बनवा देता

फोन लगाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जिसमें एक कसाई को धर दबोच लिया गया लेकिन उसका कहना था कि यह मेरी खुद की गाय है लेकिन गाय उसके साथ नहीं जा रही थी इसी बात को लेकर शक होने पर पुलिस को बुलाया गया पुलिस उस व्यक्ति को थाने ले गई और गाय को वहीं चौराहे पर छोड़ दिया

जागरूक युवकों के द्वारा जब गाय को थाने ले जाने लगे तभी 2 महिलाएं और 15 कसाई वहां आ गए और उन दो लोगों से गाली गलौज और चिल्ला चोट करने लगे कि यह मेरी गाय है तब उन दोनों जागरूक लोगों ने उस गाय को थाने ना ले जाने का निर्णय लिया लेकिन गाय की मालकिन के साथ भी गाय जाने को तैयार नहीं थी इससे यह प्रतीत होता है कि गाय इनकी नहीं है उसके बावजूद भी पुलिस द्वारा जल्दबाजी में युवक को छोड़ दिया उसके बाद वह कसाई जो गाय ले जाने में डर रहा था और चुपके-चुपके ले जा रहा था वह गाय को चौराहे से ठोक बजा कर ली जाने लगा तभी बजरंग दल को फोन किया गया जब तक बजरंग दल वाले आए तब तक कसाई गाय को ले उड़ा

दमोह पुलिस को चाहिए कि दमोह में जितने भी कसाई गोपालन कर रहे हैं उन सभी की तस्वीर थाने में होनी चाहिए और उन पशुओं की संख्या भी होनी चाहिए ताकि ऐसी परिस्थिति में यह पता लगाया जा सके कि गाय इसकी है कि नहीं क्योंकि अब एक नया टेंड चालू हो गया है गाय के ऊपर कुछ भी अंग्रेजी या हिंदी में लिख कर दिया जा रहा है और गाय की फोटो खींच लेते हैं क्योंकि गाय फोटो में सभी एक जैसी दिखाई पड़ती हैं और जो फोटो खींचाए हुए होते हैं उसी कैटेगरी की गाय को उठाते हैं और फोटो दिखा कर बच निकलते हैं अगर अपराधी कानून को धोखा देने के लिए नई रणनीति बना रहे है तो पुलिस को भी चाहिए इनकी नई रणनीति को तोड़ने के लिए ऐसा कुछ किया जाए ताकि सभी की जानकारी पुलिस के पास रहेगी कितने कसाई गोपालन कर रहे हैं और उनके पास कितने नग हैं अगर ऐसी परिस्थिति में उनके घर पर जाकर उनके नग गिने जा सकते हैं कि तुम्हारे इतने नग हैं और इतने तुम्हारे घर पर हैं तो यह गाय तुम्हारी नहीं है जिससे गोकशी पर लगाम लगाई जा सकती है

हमारे दमोह जिले के लोकप्रिय सांसद पहलाद सिंह पटेल जो कि गौ माता के बहुत बड़े भक्त हैं जब भी घर से निकलते हैं गाय को बगैर खाना खिलाए घर से बाहर नहीं जाते उनसे भी गौ  भक्तों द्वारा आग्रह किया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जैसा सख्त  कानून है वैसा ही कानून मध्य प्रदेश में लागू किया जाए


मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो कानून बनाया है वह एक तरफा कानून है अगर गौ रक्षक गोकशी को ले जा रहे कसाई को रोग भी ले तो मारपीट का आरोप लगाकर 5 साल के लिए जेल भेजा जा सकता है और गौ भक्तों पर अगर कसाई द्वारा मारपीट की जाए तो कोई धारा नहीं है इस कानून में एक तरफा कार्यवाही की जा रही है इसे बदलना चाहिए!

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