दमोह के छुट भैया नेताओं के कारनामे सरकार को दिलाए 11 हजार खुद कमाए लाखों की रकम। सरकार को लगाया लाखों का चूना।
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दमोह के छुट भैया नेताओं के कारनामे सरकार को दिलाए 11 हजार खुद कमाए लाखों की रकम। सरकार को लगाया लाखों का चूना।
दमोह जिले में इन दिनों लगातार प्रधानमंत्री सड़क से लेकर सभी पंचायत में अनेक विकास कार्य कराए जा रहे हैं जिसमें क्षेत्रीय छुट भैया नेता भी मोटा मुनाफा कमा रहे हैं ऐसा ही एक मामला दमोह के सत्ताधारी दल से जुड़े नेता अखिलेश हजारी जो की करैया भदौली ग्राम के हैं इन्हीं के गांव से होकर दमोह में चल रहे रेलवे के कार्यों में तीसरी लाइन निकल रही है साथ ही रेलवे द्वारा करैया भदौली स्टेशन के पास एक बड़ा माल गोदाम भी बनाया जा रहा है
जिसे बनाए जाने के लिए 15 से 20 हजार घन मीटर मुरम की जरूरत थी। अखिलेश हजारी द्वारा अपने खेत में बनाए गए तालाब की मुरम जो 220 घन मीटर मुरम होने की बात कहकर खनिज विभाग द्वारा 220 घन मीटर मुरम परिवहन करने की अनुमति लेकर और अपनी नेतागिरी की आड़ में और अधिकारियों की मिली भगत से परिवहन अनुमति लेकर अवैध उत्खनन शुरू कर दिया जबकि उनके पास किसी भी प्रकार के खनन की अनुमति नहीं है।
कोई भीं निजी खेत में पानी के लिए कुछ हद तक खुदाई कर सकते हैं जिसकी परमिशन नहीं लेनी होती उतनी खुदाई यह पहले से कर चुके थे जिस मुरम को इन्हें परिवहन करने की मंजूरी मिली हुई थी। मुरम के परिवहन करने में सरकार को ₹11000 का राजस्व प्राप्त हुआ लेकिन अखिलेश हजारी द्वारा अवैध उत्खनन कर 15 से 20 हजार घन मीटर खुदाई कर जो मुरम रेलवे के कार्यों में डालने के लिए बड़े-बड़े डंपर हाईवे का इस्तेमाल किया गया जिस वजह से ग्राम में अभी लाखों रुपए की बनी सीसी सड़क को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिसका जिम्मेदार कौन है जिला खनिज अधिकारी द्वारा 220 घन मीटर मुरम के परिवहन की मंजूरी देकर अधिकारियों ने आंख बंद कर ली इस पर किसी भी प्रकार की मॉनिटरिंग नहीं की गई जिससे सरकार को राजस्व के रूप में हजारों रुपए मिले लेकिन सरकार की लाखों की सड़क उखड़ गई और लाखों का मुरम नेताजी ने रेलवे को बेचकर मोटी कमाई की
तो वहीं सरकार को लाखों का चूना लगाया गया। खनिज अधिकारी मेजर से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि 220 घन मीटर मुरम परिवहन की अनुमति दी गई थी इससे अधिक अगर इन्होंने निकाली है तो इन पर कानूनी कार्यवाही कर जुर्माना वसूला जाएगा। अब देखना होगा प्रशासन अवैध उत्खनन करने वाले अखिलेश हजारी से कार्यवाही कर सरकार को हुए नुकसान की भरपाई कब तक कर पाती है या यूं ही अपनी नेतागिरी की आड़ में सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाते रहेंगे या यूं ही यह अपनी नेतागिरी के रसूक में कानून को ठेंगा दिखाते रहेंगे अगर इन पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो लोगों में यह मैसेज जाता है कानून तो सिर्फ आम लोगों के लिए ही होता है।
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