भगवान परशुराम जी का प्राकट्योत्सव सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया गया। अक्षय तृतीया पर्व क्यों मनाया जाता है जाने अक्षय तृतीया के लाभ।
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भगवान परशुराम जी का प्राकट्योत्सव सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया गया। अक्षय तृतीया पर्व क्यों मनाया जाता है जाने अक्षय तृतीया के लाभ।
दमोह। जबलपुर नाका परशुराम टेकड़ी मंदिर मे सुबह सर्व ब्राह्मण समाज दमोह द्वारा हवन पूजन आरती के बाद शाम 5:00 सिविल वार्ड राम मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में विप्र बंधुओं के साथ युवा विप्र जनों की उपस्थिति सराहनीय रही शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए वापिस राम मंदिर में समापन हुआ जिसका शहर के गणमान्य नागरिकों एवं बुद्धिजीवियों और विप्र समाज के युवाओं ने जगह-जगह स्वागत कर मनाया गया जिसमे समाज के समस्त वरिष्ठ जन, सामाजिक, राजनैतिक,
धार्मिक जन की उपस्थिति रही। जिसमे मंदिर के पुजारी कृष्ण कुमार गर्ग जी ने हवन के उपरांत सभी को परशुराम प्राकट्योत्सव की हार्दिक शुभ कामनाऐ दी। पुजारी पुरोहित कर्मकांड महासंघ दमोह के जिलाध्यक्ष पं.राहुल शास्त्री ने अक्षय तृतीया का महत्व वताते हुए कहा वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन को बहुत शुभ व पर्यावरण कारी माना जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु के नर-नरायण, हयग्रीव और परशुराम अवतार हुए थे। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन नारायण और माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। इसी दिन से त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी शास्त्रो की मान्यता के अनुसार इस दिन किए गए शुभ कार्यों का अक्षय फल मिलता है, इसीलिए इस दिन को अक्षय तृतीया और आखा तीज जैसे नामों से जाना जाता है। जिसमे समस्त ब्राह्मण समाज दमोह की उपस्थिति रहीं।
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